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कोसी प्रमंडल (बिहार) से प्रकाशित इस प्रथम दैनिक ई. अखबार में आपका स्वागत है,भारत एवं विश्व भर में फैले यहाँ के तमाम लोगों के लिए यहाँ की सूचना का एक सशक्त माध्यम हम बनें, यही प्रयास है हमारा, आपका सहयोग आपेक्षित है... - सम्पादक

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मंगलवार

‘सोवियत रूस में चौदह दिन’ नहीं रहे इस पुस्तक के लेखक- शिवनेश्वरी प्रसाद !


धेपुरा के जाने-माने विधिवेत्ता, समाज सेवी एवं विद्वान शिवनेश्वरी प्रसाद (जन्म: 1.1.1927.) का निधन सोमवार 26.12.2011. को हो गया। वे लगभग साठ वर्षों से साहित्य, समाज, राजनीति एवं लोक कल्याण के कार्यों में सक्रिय रहे। वे ‘भारत-सोवियत सांस्कृतिक सहयोग समिति’- इस्कस के मधेपुरा इकाई के सचिव तथा प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था ‘कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ के संरक्षक भी थे  साथ ही दीर्धकाल तक मधेपुरा जिला न्यायालय में लोक अभियोजक भी रहे। उन्होंने अपनी सोवियत संध की यात्रा का विवरण अपनी पुस्तक ‘सोवियत रूस में चौदह दिन’ में लिखा। इसके अतिरिक्त ‘सामाजिक न्याय के अंतर्द्वंद’ तथा ‘न्यायालयों में आरक्षण के उठते सवाल’ विषयक ग्रंथ की भी रचना की। 
  हिन्दी साहित्य के संवर्द्धन को ध्यान मे रखते हुए उन्होंने न्यायालय का सारा कार्य आजन्म हिन्दी में ही किया। उनके निधन से मधेपुरा ने एक महान सामाजिक एवं सांस्कृतिक शख्सियत को खो दिया।

शनिवार

साहित्यिक विधाओं का विपुल संसार है ‘साँवली’ - डा. उत्तिमा केशरी

हिन्दी की साहित्यक लघु पत्रिकाओं में ‘सांवली’ अपनी प्रतिबद्धता, वैचारिकता और सर्जनात्मक प्रभावों से जानी जाती है। महज 3 वर्ष: 6 अंकांे के बदौलत बिना किसी फतवेबाजी और विमर्श के यह पत्रिका पाठकों के मध्य अपनी जगह बहुत तेजी से बना रही है। यह पत्रिका समर्थ रचनाकारों के अतिरिक्त अपने अंचल के साथ सुदूर नए लेखकों को स्पेस दे रही है। इस पत्रिका का प्रधान संपादक जवाहर किशोर प्रसाद बेहद इमानदारी और गहरी संलग्नता के साथ अपने संपादक त्रेय के माध्यम से संपादन कर रहे हैं यह प्रधान संपादक के कुशल नेतृत्व का परिचय है।
    इस अंक में कहानियाँ कई हैं, उनमें - डा. सरला अग्रवाल, रमेश कुमार रमण, डा. सुवंश ठाकुर ‘अकेला’, सूर्यकांत निराला, कुमार शर्मा ‘अनिल’ अपनी संवेदनात्मक उपस्थिति दर्ज कराती है। आलेख स्तंभ में ‘मंदार-दर्शन’ , पद्मा धर्म-पत्नी थी, कोसी-शोध साहित्य संदर्भ, आधुनिक हिन्दी लेखकन के क्रमशः लेखन- संजीव रंजन, अनन्त, देवेन्द्र कुमार देवेश व अनिरूद्ध सिन्हा की उपस्थिति पाठकों को अच्छी लगेगी। कविताएँ, गीत, गज़ल की उपस्थिति भी अच्छी है। आशा विश्वास, स्नेहलता, डा. लीला रानी ‘शबनम’, डा. भूपेन्द्र नारायण यादव ‘मधेपुरी’, वासुदेव प्रसाद विधाता की कविताएँ और गज़लें बिम्बों की अन्तश्चेतनाओं की पूरी परत खोलने में पाठकों को साथ कर लेती हैं। उत्तम केशरी की अंगिका कविता की शुरूआत अच्छी है। अंचल की अन्य भाषाओं पर भी कविताएँ आनी चाहि; जैसे सूर्यापुरी, बंगला, मैथिली और उर्दू आदि।
    लघु कथाएँ, हास्य-व्यंग्य, आध्यात्मिक आलेख, बालदीप, दूर-दर्शन, सिनेमा स्तंभ की रचनाएँ भी पाठकों को आकर्षित करने में सक्षम है। इस अंक का महत्वपूर्ण पाठ- प्रबुद्ध लेखक इन्दुशेखर की है जिन्होंने चन्द्र किशोर जायसवाल के उपन्यास ‘पलटनिया’ पर अपनी पूरी गंभीरता और पारदर्शिता से विमर्श प्रस्तुत किया है।... सांवली का आवरण भी ‘सांवली’ की तरह मनमोहक है।
संपादकः डा. सुवंश ठाकुर ‘अकेला’, सिपाही टोला, चूनापुर रोड, पूर्णिया-854301. मोबाइल- 9973264550./ 9931465695.
 

सोमवार

’कोसी की नई जमीन' बनने को तैयार !


'कोसी की नई जमीन' का कविता खंड अब मुद्रण के लिए तैयार है। इसमें कोसी अंचल के 45 कवियों की कविताऍं संगृहीत हैं।
कोसी अंचल के युवा कवियों के समक्ष अपने अंचल के पूर्वज लेखकों की रचनात्मक विरासत और प्रतिमान हैं, वहीं दूसरी ओर आंचलिकता की विशिष्ट साहित्यधारा की जन्मभूमि होने के नाते विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित उनकि लोकधर्मिता और कोसी की त्रासदी की प्रेरणा और प्रभाव है- वरिष्ट साहित्यकार विश्वनाथ प्रसाद तिवारी का यह मानना है कि आज के बाजारवाद लोकतंत्र में मिटते आदमी और चालाक सत्ता के शोषक रूप की तस्वीर भी इनमें प्रयाप्त है!
 संग्रह में शामिल कुल 45 कवियों के नाम इस प्रकार हैं -
कटिहार (13)- अनिमेष गौतम (बोकारो), आकाश कुमार (दिल्‍ली), कल्लोल चक्रवर्ती (दिल्‍ली), देवेन्द्र कुमार देवेश (दिल्‍ली), राकेश रोहित (कोलकाता), विभुराज चौधरी (दिल्‍ली), शेखर सुमन (बंगलूरु), संजीव कुमार सिंह, संजीव ठाकुर (गाजियाबाद), स्वर्णलता ‘विश्वफूल’, स्मिता झा (चाईंबासा), हरे राम सिंह, सुरेन्‍द्र कुमार सुपौल (12)- अखिल आनंद (सहरसा), अनुप्रिया (दिल्‍ली), कनुप्रिया (दिल्‍ली), किसलय ठाकुर (मुंबई), कुमार सौरभ (दिल्‍ली), नीरज कुमार (दिल्‍ली), पंकज चौधरी (मेरठ), मिथिलेश कुमार राय (सहरसा), रंजीत (रॉंची), रमण कुमार सिंह (दिल्‍ली), श्याम चैतन्य (गुड़गॉंव), राजेश चंद्र (दिल्‍ली) मधेपुरा (7)- अनुपम कुमार (दिल्‍ली), अमरदीप (पटना), अरविन्द श्रीवास्तव, उल्लास मुखर्जी, कृष्णमोहन झा (सिलचर), राजर्षि अरुण (शिमला), संजय कुमार सिंह (किशनगंज) पूर्णिया (7)- अरुण प्रकाश, गिरीन्द्रनाथ झा (कानपुर), रणविजय सिंह सत्यकेतु (इलाहाबाद), श्रीधर करुणानिधि (पटना), विनीत उत्‍पल (दिल्‍ली), अशोक कुमार 'आलोक', सुरेन्‍द्र कुमार 'सुमन' सहरसा (3)- अरुणाभ सौरभ (गुवाहाटी), आलोक रंजन (दिल्‍ली), शुभेश कर्ण (पटना)
अररिया (3)- चेतना वर्मा (जमशेदपुर), ठाकुर शंकर कुमार, मिथिलेश आदित्‍य
कोसी की नई जमीन: कविता खंड, संपादक: देवेन्‍द्र कुमार देवेश ( मोबाइल- 09868456153.), प्रकाशक - यश पब्‍लिकेशंस, नई दिल्‍ली। 

बुधवार

खुद की पीड़ा बांटने का प्रयास है ‘एक थी गीता’

‘एक थी गीता’ जवाहर किशोर प्रसाद की सरल-सहज बोलचाल की भाषा में रचितएक अत्यन्त संवेदनात्मक लघु-उपन्यास है। घनीभूत मानवीय संवेदना और करुणा के भाव से सिंचित यह उपन्यास रिश्तों की आत्मीयता को दर्शाता है। खास बात यह भी है कि इस रचना के कथा-क्रम में नायक की उपस्थिति गहरे रोमांचित करता है। ऐसा लगता है कि लेखक के पास रिश्तों के भावनात्मक चढ़ाव-उतार की समझ बूझ का एक समृद्ध अतीत है। शायद तभी नैसर्गिक प्रेम के रंगों को विरह-मिलन की कूची से कई प्रकार की प्रेम कहानियों की तस्वीरें पेश करने में इन्हें को असुविधा नहीें होती। अपने अनुभव, अनुभूतियों एवं कल्पनाओं की जीवंत रेखाओं से रचे कथानक में जो प्रतिविम्ब बनता है, वह बिल्कुल अपना-सा लगता है।
                                     - रामबहादुर कुमर (प्राचार्य) भागलपुर।

‘एक थी गीता’ सत्य घटना पर आधारित समाज की सच्ची कहानी है, जहां कथा-नायक यदा-कदा कहानी में उपस्थित होकर अपने दार्शनिक विचारों को संप्रेषित करता है, किन्तु बार-बार वह आकर कहानी से बाहर हो जाता है, स्वयं टिक नहीं पाता है, जिससे यह पता चलता है कि वह पात्रों के बीच रहकर अपने दुःखों में शामिल होना तो चाहता है किन्तु असह्य पीड़ा को देख नहीं सकने के कारण अपने दार्शनिक पुट छोड़कर प्लाट से बाहर हो जाता है।
    ‘एक थी गीता’  की कथा-वस्तु हमारे समाज की एक ऐसी अनकही कहानी है जो रोज-रोज घटती है हमारे सामने, किन्तु हम उन्हें अपनी जुबान पर लाने से हमेशा ही कतराते हैं।
                                                     - अशोक कुमार ‘आलोक’
                             संपादक- 'अर्य संदेश', मोबाइल- 9709496944.
लेखक- जवाहर किशोर प्रसाद
संपर्कः माधुरी प्रकाशन, सिपाही टोला, चूनापुर रोड, पूणिया - 854301
मोबाइल- 9905217237/9973264550.

   

अन्तःप्रेरणा की अभिव्यक्ति है कविता संग्रह ‘किसलय’

साहित्य में अच्छी संभावनाओं का नाम है डा. सुवंश ठाकुर ‘अकेला’ है। पचास कविताओं का संग्रह ‘किसलय’ नाम को सार्थक करता है। यह महज संयोग नहीं कि वाणी-वन्दना से प्रारंभ जीवन के सत्य जो साहित्य का भी सत्य है श्मशान पर पड़ाव डालती है कविता। बीच के सफर में शिव भी है, सुन्दर भी है।
    कविताओं की भाषा सरल, भाव-गंभीर है।
    श्री अकेला के ‘दो शब्द’ ने मुझे अधिक प्रभाविता किया है कि ये अपनी हांकने वाले कवि नहीं हैं। निन्दा, स्तुति, पाठकों के विवेक पर छोड़कर ये केवल कविताएं लिखते हैं। ‘किसलय’ के बारे में किसलय की ही ये दो पंक्तियां
उद्धृत कर मैं आश्वस्त हूँ कि इस छोटे-से शहर पूर्णिया का यह कवि नामवर होगा।
     ‘किसलय की शोभा न्यारी है,
    हर मनुज मात्र को प्यारी है।’’

 उम्र में ‘अकेला’ से बड़ा हूँ। सो, यशस्वी होने का आशीर्वाद देता हूँ
                                                    - भोलानाथ आलोक, पूर्णिया

पुस्तक से कविता की बानगी-
         सुकरात सरीखा जहर मिले
        शूली ईसा सा पा जायें
        हिरण्यकशिपु सा पिता मिले
        जाति मिले रैदास की         
        घोर यातना मीरा जैसी
        हो जाऊँ कबीरा सा फक्कड़

        ......
        .......
लेखक- डा. सुवंश ठाकुर ‘अकेला’
संपर्कः माधुरी प्रकाशन, सिपाही टोला, चूनापुर रोड, पूणिया - 854301
मोबाइल- 9905217237 / 9973264550.

शुक्रवार

‘कोशी तीर के आलोक पुरूष’ एक खोजपूर्ण साहित्यक अवदान - सुधाकर


‘कोशी तीर के आलोक पुरूष’ कोशी के संवेदनशील, बहुचर्चित तथा स्थापित साहित्यकार, कई गवेष्णात्मक साहित्य के रचयिता एवं साहित्य के पुरोधा श्री हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’ का सद्यः प्रकाशित ग्रन्थ है। इसके पूर्व ‘मधेपुरा के स्वाधीनता आन्दोलन का इतिहास, ‘शैवअवधारणा और सिंहेश्वर’, ‘मंत्रद्रष्टा ऋष्यशृंग’ तथा ‘कोशी अंचल की अनमोल धरोहर’ एवं ‘अंग लिपि का इतिहास’ जैसे खोजपूर्ण साहित्य अवदान, शलभजी साहित्य’जगत को दे चुके हैं। इन ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक ग्रन्थों के पश्चात ‘कोशी तीर के आलोक पुरूष ’ नामक यह अनमोल ग्रन्थ, शलभजी का समीक्षार्थ सामने है, जिसमें संत शिरोमणि परमहंस लक्ष्मीनाथ गोस्वामी, संत कवि जाॅन क्रिश्चन, पुलकित लाल दास ‘मधुर’, बलेन्द्र नारायण ठाकुर ‘विप्लव’, मो. कुदरतुल्लाह कालमी, कमलेश्वरी प्रसाद मंडल तथा कार्तिक प्र0 सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर गवेष्णात्मक एवं खोजपूर्ण प्रकाश डाला गया है।
    विद्वान लेखक ने अपने ‘दो शब्द’ में लिखा है कि ‘इसके अलावा भी इस क्षेत्र में ऐसे कई पुरूष-रत्न हुए हैं, जिन्हें अब तक प्रकाश में नहीं लाया जा सका है। कोशी अंचल के इतिहास एवं सांस्कृति के अनुसंधाता एवं रचनाकार के लिए यह अपराध बोध जैसा लगता है। मैंने तद्विषयक अपने पूर्व ग्रन्थ, ‘कोशी अंचल की अनमोल धरोहरें तथा प्रस्तुत ग्रन्थ ‘कोशी तीर के आलोक पुरूष’ में इससे उबरने का लघु प्रयास भर किया है। मेरा यह प्रयास कितना सफल है, सुधी पाठक ही निर्णय ले सकते हैं। इस परिपेक्ष्य में मेरा यह मानना है कि ‘कोशी तीर के आलोक पुरूष’ नामक यह ग्रन्थ ऐसे आलोक पुरूष को आलोकित तथा प्रोद्भाषित करने में सक्षम है, जिन्हें यह जमाना भुलाने की चेष्टा कर रहा है।
    आलोच्य ग्रन्थ बहुत ही ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक रत्नों को उजागर करने वाला है। तदर्थ , साहित्य-जगत् में ऐसे गवेष्णात्मक तथा ऐतिहासिक ग्रन्थ का अभिनन्दन होना चाहिए।
पुस्तक की छपाई तथा बंधाई बहुत आकर्षक तथा नयनाभिराम है।  
लेखकः  श्री हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’, अशेष मार्ग, लक्ष्मीपुर मुहल्ला, मधेपुरा (बिहार),पिन-852113
प्रकाशक- समीक्षा प्रकाशन, जे.के. मार्केट, छोटी कल्याणी, मुजफ्फरपुर (बिहार) मूल्य- 150/-रूपये
समीक्षकः सुबोध कुमार ‘सुधाकर’ , सम्पादक, ‘क्षणदा’ (त्रैमासिक)
    प्रभा प्रकाशन, त्रिवेणीगंज (सुपौल) बिहार, पिन-852139

रविवार

दिवंगत कवि चंचल को साहित्यकारों ने दी श्रद्धांजलि ।

सहरसा / 18.11.11
कोसी अंचल के वयोवृद्ध कवि दिवंगत गणेश चंचल को श्रद्धांजलि अर्पित करने साहित्यकारों का एक दल डा. गोविन्द प्रसाद शर्मा के नेतृत्व में ग्राम सोहा (सोन बर्षा) आया एक भव्य समारोह में दिवंगत कवि को श्रद्धा सुमन अर्पित हुए समारोह के अध्यक्ष तथा सोहा ग्राम के साहित्यानुरागी एवं दिवंगत कवि के मित्र श्री गणेश प्रसाद सिंह ने दिवंगत कवि के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कवि चंचल जन्मजात कवि थे एवं मरने तक कविकर्म जुटे रहे। समारोह को संबोधित करते हुए मधेपुरा से आये वरिष्ठ साहित्यकार हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’ ने कहा कि कवि चंचल की रचनाओं में गीत काव्य के वे सारे गुण थे जो उत्तर छायावाद के बाद हिन्दी कविताओं में पाये जाते हैं कवि चंचल एक सधे हुए नवगीत सहित कविता की अन्य विधाओं के सिद्धहस्त कवि थे। साहित्यकार शलभ ने उनकी काव्यकृति ‘पुष्करणी’ ‘गांधी गाथा’, ‘त्रिपर्णा’ आदि की कई कविताओं को संदर्भित करते हुए उनके काव्यगुण की चर्चा की। डा. गोविन्द प्रसाद शर्मा ने अपने साथ दिवंगत कवि के सानिध्य संबन्धी अनेक स्मरण प्रस्तुत किए। इस अवसर पर डा. अशोक कुमार वर्मा, महेन्द्र बंधु, चंद्रशेखर पौद्धार, श्रीकांत वर्मा ‘विभू’ अवधेश कुमार अवध, मुख्तार आलम, श्यामानंद लाल दास एवं मधेपुरा से आये कवि अरविन्द श्रीवास्तव ने अपनी कविताओं के द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

गुरुवार

भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूकने वाले युगद्रष्टा थे टैगोर

विचार व्यक्त करते- डा. रामलखन सिंह यादव, अपर जिला सत्र न्यायाधीश, मधेपुरा
विश्वकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने देश और विदेश के सारे साहित्य दर्शन संस्कृति आदि को आत्मसात कर अपने भीतर समेट लिए थे। साहित्य की शायद ही कोई ऐसी शाखा है जिसमें उनकी रचना न हो। ये उदगार कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन, मधेपुरा के अम्बिका सभागार में गीतांजलि के दार्शनिक एवं मानवीय पक्ष को दर्शाते हुए मुख्य अतिथि के रूप में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. रामलखन सिंह यादव ने व्यक्त किया। डा. यादव ने यह भी कहा कि विश्व के ऐसे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएं दो राष्ट्रों के राष्ट्रगान हैं । वह नोबेल पुरस्कार पाने वाले एशिया महादेश के प्रथम व्यक्ति थे । इसके पूर्व समारोह के अध्यक्ष हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’ ने विषय प्रवेश करते हुए कहा कि टैगोर बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूंकने वाले युगद्रष्टा थे। मनुष्य और ईश्वर के बीच जो चिरस्थायी संबन्ध है, वह अलग-अलग रूपों में रवीन्द्र की रचनाओं में उभर कर सामने आया है। उनकी गीतांजलि विश्व साहित्य की एक अनमोल धरोहर है तथा रवीन्द्र संगीत बंगला संगीत का अभिन्न अंग है। विशेष अतिथि के रूप में डा. देवाशीष बोस ने विस्तार से महाकवि के पारिवारिक परिवेश, व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला, सम्मेलन के सचिव डा. भूपेन्द्र नारायण यादव ‘मधेपुरी’ ने कहा कि इस महान शिक्षा शास्त्री ने वैदिक युग के नालंदा और विक्रमशिला के समान शांति निकेतन की स्थापना की । प्रकृति के अनन्य पुजारी कवींद्र रवीन्द्र ने गांधी जी को महात्मा का विशेषण दिया। इसके अतिरिक्त डा. विनय कुमार चैधरी, दशरथ प्रसाद सिंह , तुलसी पब्लिक स्कूल के निदेशक श्यामल कुमार आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये। 
  कार्यक्रम का आरंभ श्रीमती मंजू घोष के रवीन्द्र संगीत से हुआ। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में सुकवि परमेश्वरी प्रसाद मंडल ‘दिवाकर’ की स्मृति में आयोजित काव्य गोष्ठी का संचालन दशरथ प्रसाद सिंह ‘कुलिश’ ने किया डा. राम लखन सिंह यादव, डा. भूपेन्द्र मधेपुरी, डा. आलोक कुमार, डा. विनय कुमार चैधरी, संतोष सिन्हा, उल्लास मुखर्जी, श्यामल कुमार, मयंक जी, मशाल जी, प्रो. शचीन्द्र आदि कवियों ने भाग लिया। डा. आलोक कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। 

शनिवार

कोसी अंचल के वयोवृद्ध कवि गणेश चंचल नहीं रहे !


दिनांकः 5 नवम्बर, 2011
कोसी अंचल के गीतकारों में गणेश चंचल का विशिष्ट स्थान रहा है। वे गहन अनुभूति के कवि थे। इनका जन्म: 1930, ग्राम- सोहा, जिला - सहरसा में हुआ था। उन्होंने पन्द्रह वर्ष की उम्र से ही काव्य लेखन किया और दीर्घकाल तक लिखते रहे, बच्चों के लिए भी साहित्य रचा एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय रहे। इनकी प्रकाशित कृतियों में - स्वतंत्रता का शंखनाद (गीत संग्रह, 1945) गांधी गाथा (पद्यमय जीवनी, 1948, पुनर्मुद्रणः 2008), त्रिवेणी तरंग (कविता संग्रह, 2004), स्रोतस्विनी (कविता संग्रह, 2006), त्रिपर्णा (2010) इस चर्चित कवि-गीतकार के निधन (5 नवम्बर, 2011) से कोसी क्षेत्र के साहित्य को अपूरणीय क्षति हुई है। इनकी कविता को स्मरण करते हुए इन्हें श्रद्धा निवेदित है -
 लग रहा है आ रहा हूँ, शीघ्र तेरे पास,
 पूर्ण होने जा रहा है, चिर प्रतीक्षित आस,
 मिल रहा हर पल कि तेरा सूक्ष्मतम संकेत,
 जग रहा है विकल मन में, एक मृदु उल्लास।

                                      - गणेश चंचल

गुरुवार

मधेपुरा में उल्लास से मनाया गया भारत रत्न डा. कलाम का 80वाँ जन्मदिन


मधेपुरा-
शून्य से शिखर तक और रामेश्वरम् से राष्ट्रपति भवन तक पहुँचने वाले ‘गांधियन मिसाइल मैन’ भारत रत्न डा. ए पी जे अब्दुल कलाम का 80 वाँ जन्मदिवश, मधेपुरा के वृंदावन परिसर में, समाजसेवी-साहित्यकार डा. भूपेन्द्र मधेपुरी द्वारा बच्चों के बीच मिठाईयाँ बाँट मनाया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि - डा. कलाम भारतीय बच्चों की बेहतरी के लिए प्रतिदिन प्रेरणा स्त्रोत का काम करते रहेंगे। डा. कलाम ने मिसाइल मैन के रूप में देश की जो निःस्वार्थ सेवा की है वह एक अनुपम उदाहरण है। डा. मधेपुरी ने कहा कि केयर फाण्डेशन के चेयरमैन डा. अरुण कुमार तिवारी लिखित डा. कलाम की जीवनवृत ‘अग्नि की उड़ान’ भारतीय बच्चों के लिए पठनीय एवं संग्रहणीय है। इस अवसर पर इप्टा के सुभाष चन्द्र एवं अवकाशप्राप्त शिक्षक रामजी रजक ने कहा कि कलाम साहब को जानने के लिए डा. मधेपुरी लिखित ‘छोटा लक्ष्य बड़ा अपराध’ तथा ‘स्वप्न, स्वप्न और स्वप्न’ की पंक्तियों के बीच से हर किसी को एकबार अवश्य गुजरना चाहिए जिसका प्रत्येक पृष्ठ कल के भारत का आईना और प्रत्येक पंक्ति नई सुबह का श्लोक।
    इस अवसर पर तुलसी पब्लिक स्कूल के निदेशक - श्यामल कुमार, डा. रश्मि भारती, तथ रेणु चौधरी ने डा. कलाम के जीवन पर विशेष रूप से प्रकाश डाला और उपस्थित बच्चों में सोनम कुमारी, रिया कुमारी, रीतिका कुमारी, मनीषा, योगिता, सुकृति, अमर और हिमांशु आदि ने अपने प्रिय चाचा डा. कलाम के दीर्धायु जीवन के लिए कामना की।

रविवार

कोसी तीर के आलोक पुरुषों का बेशकीमती स्तवक - कोसी तीर के आलोक पुरुष !


कोसी क्षेत्र में ऐसे अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया, जिन्होंने राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी गरिमामयी पहचान बनायी। इसमें स्वनामधन्य रासबिहारी लाल मंडल, शिवनन्दन प्रसाद मंडल, भूपेन्द्र नारायण मंडल, विन्ध्येश्वरी प्रसाद मंडल आदि के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अनेक शोधात्मक कार्य हुए हैं। प्रत्येक वर्ष उनकी जयन्तियाँ भी ससमारोह मनायी जाती है। इनके अलावे भी इस क्षेत्र में ऐसे कई पुरुष-रत्न हुए हैं- जिन्हें अबतक प्रकाश में नहीं लाया जा सका है। कोसी क्षेत्र के अनुसंधाता एवं रचनाकार के लिए इस ग्रन्थ में संत शिरोमणि परमहंस लक्ष्मीनाथ गोस्वामी, कोसी तीर के विदेशी मूल के कवि संत जान क्रिश्चन, कोसी तीर के महान सांस्कृतिक पुरोधा पुलकित लाल दास ‘मधुर’, कोसी तीर के ‘दिनकर’ बलेन्द्र नारायण ठाकुर ‘विप्लव’, कोसी तीर के खुदाई खिदमतगार मोहम्मद कुदरतुल्लाह काजमी, कोसी तीर के ‘गांधी’ कमलेश्वरी प्रसाद मंडल और कोसी तीर के ‘जयप्रकाश’ कार्त्तिक प्रसाद सिंह जैसे आलोक -पुरुषों के योगदान का गवेष्णात्मक अध्याय के साथ समग्र मूल्यांकन किया गया है। लेखक श्री हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’ का मानना है कि इन महान विभूतियों की असीम आलोक-गाथा से युगों तक यह क्षेत्र प्रभासमान होता रहेगा।
    यह पुस्तक कोसी क्षेत्र से जुड़े सभी शोधार्थी, रचनाकर्मी एवं सचेतन नागरिकों के लिए पठनीय एवं संग्रहनीय है।
पुस्तकः कोसी तीर के आलोक पुरुष / मूल्य- 150/ =
प्रकाशक- समीक्षा प्रकाशन, दिल्ली- 92.
प्राप्ति स्थान- कला कुटीर, अशेष मार्ग, मधेपुरा- 852113. (बिहार)
मोबाइल संपर्क - 9431080862. 9472495048.

शुक्रवार

मनचलों ने मचाया उत्पात, कई जगह हुई मारपीट / नम आंखों से दी गई मां दुर्गा को विदाई

सहरसा, दुर्गापूजा को लेकर प्रशासन की तमाम व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए मनचलों ने जमकर उत्पात मचाया। वहीं कई जगहों पर मारपीट होने की भी सूचना है। विजया दशमी की शाम से लेकर देर रात तक पूजा-पंडालों के ईद-गिर्द मनचलों ने महिलाओं, लड़कियों के साथ छेड़खानी का प्रयास किया। यही नहीं कुछ लड़कियों के जींस को भी ब्लेड से काट डाला। लोक लज्जा के कारण पुलिस तक इसकी शिकायत भी नहीं पहुंच पाई। वहीं वीर कुंवर सिंह चौक, बंगाली बाजार, पूरब बाजार सहित कई स्थानों पर नशे में घुत्त युवावर्ग आपस में ही टकराते रहे। बंगाली बाजार में एक होटल में शराब पीकर कुछ युवाओं ने जमकर बवाल किया।
नम आंखों से दी गई मां दुर्गा को विदाई
जिले में दुर्गापूजा गुरुवार को हर्षोल्लास के बीच संपन्न हुआ। पूजा पंडालों में स्थापित की गई मां दुर्गा की प्रतिमा को लोगों ने नम आंखों से विदाई दी। हालांकि कई पूजा पंडालों में अभी भी मां की प्रतिमा विराजमान है। इन पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं के आने-जाने का सिलसिला जारी है। बुराई पर अच्छाई के जीत का पर्व विजया दशमी पर श्रद्धालुओं ने लगातार नौ दिनों तक माता की पूजा-अर्चना कर सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की इस मौके मंगलवार से गुरुवार तक विभिन्न जगहों पर मेला एवं संगीत संध्या का भी आयोजन किया गया था। विजया दशमी के मौके पर पूर्वाचल दुर्गा मंदिर के सौजन्य से सहरसा कॉलेज में रावण वध किया गया। दशमी के दिन गुरुवार पड़ जाने के कारण प्रतिमा विसर्जित नहीं की गई। शुक्रवार को अहले सुबह से ही पुलिस की कड़ी चौकसी के बीच गाजे-बाजे के साथ प्रतिमा को विभिन्न तालाबों में विसर्जित कर दिया गया।
शक्तिपीठ में गायत्री महामंत्र के साथ संपन्न हुआ अनुष्ठान
 गायत्री शक्तिपीठ में विगत नौ दिनों से चली आ रही नवरात्रा का अनुष्ठान यज्ञ-हवन के साथ संपन्न हुआ। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए शक्तिपीठ में 20 अतिरिक्त हवनकुंड स्थापित किए गए थे। (दैनिक जागरण)

बुधवार

गांवों में घुसा कोसी का पानी, रेल परिचालन ठप होने का खतरा


 कोसी अंचल में एक बार फिर से तांडवी कोसी उग्र हो उठी है। जहां दो दर्जन से अधिक गांवों में पानी फैल गया है वहीं सहरसा-मानसी के बीच रेल पटरी पर पानी का दबाव से रेल परिचालन पर भी खतरा मंडराने लगा है। दबाव स्थल पर बोल्डर क्रेटिंग का कार्य  जारी है। फिलहाल, पूर्व मध्य रेलवे के सहरसा-मानसी रेलखंड के फनगो हाल्ट के समीप रेल लाइन पर पानी का दबाव बना हुआ है। दबाव को राकने के लिए बोल्डर क्रेटिंग का कार्य चल रहा है। वैसे पानी का दबाव बढऩे के बाद उक्त रेलखंड के बीच ट्रेनों का परिचालन प्रभावित होने लगी है। फिलहाल कोसी क्षेत्र का सड़क मार्ग से राजधानी पटना का सीधा संपर्क बी.पी मंडल सेतु (डुमरी पुल) क्षतिग्रस्त हो जाने से अवरुद्ध है..रेल परिचालन बंद होने के खतरे से कोसी क्षेत्र के लोग कंपित हैं.

सोमवार

पूर्व विधायक समेत आधा दर्जन नेता जद यू में शामिल


धेपुरा : सत्ता रूपी छतरी के नीचे अन्य दलों से जुड़े नेताओं का भी जमघट होने लगा है. शुक्रवार एवं शनिवार को राजद सहित अन्य दलों से जुड़े आधा दर्जन नेताओं ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के समक्ष जदयू की सदस्यता ग्रहण की.
राजद के पूर्व विधायक एवं रेलवे यात्री सेवा समिति के अध्यक्ष परमेश्वरी प्रसाद निराला, राजद नेता प्रदीप यादव, जिला परिषद की वर्तमान अध्यक्षा मिलन देवी, उनके पति राजद प्रत्याशी रहे शियाराम यादव, कुमारखंड के उप प्रमुख पार्वती देवी, विसनपुर बाजार के मुखिया अनमोल यादव आदि‍ ने जद यू की सदस्यता ग्रहण की. इसी तरह पूर्व सांसद पप्पू यादव समर्थक मानिकपुर पंचायत के मुखिया भवेश यादव ने सैकड़ों समर्थकों के साथ शरद यादव के समक्ष जदयू की सदस्यता ग्रहण की. शरद यादव ने फ़ूल की माला पहनाकर नेताओं का स्वागत किया.- प्रभात खबर

शनिवार

सांसद शरद यादव ने ली डा. मधेपुरी की खैरियत, दी शभकामनाएं।

धेपुरा के सांसद एवं जदयू अध्यक्ष श्री शरद यादव ने अपने विगत चुनाव में पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता डा. भूपेन्द्र नारायण यादव ‘मधेपुरी’ के आवास पर पहुंच कर उनकी तबियत की जानकारी ली और डा. मधेपुरी के लिए स्वास्थ्य कामना की। स्मरणीय है कि डा. मधेपुरी श्री शरद यादव के चुनाव प्रभारी रहे थे तथा उन्होंने अपने हृदय का दो बार बाई पास सर्जरी भी कराया है। श्री शरद यादव अपने संसदीय क्षेत्र भ्रमण के दौरान उनके आवास ‘वृंदावन’ में पहुँचकर उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी। उनके साथ बिहार सरकार के विधि एवं योजनामंत्री श्री नरेन्द्र नारायण यादव, विधान पार्षद श्री विजय कुमार वर्मा एवं विधायक श्री रमेश ऋषिदेव सहित पार्टी कार्यकर्ताओं का लंबा काफिला था। 

शुक्रवार

हौसले से उड़ान... कोसी इलाके से एक और साहित्यिक आगाज़ - ’अर्य सन्देश’ का नया अंक



स अंक में- जयश्री राय, कुमार विश्वबंधु, ज्योति किरण, रंजना जायसवाल, आशा प्रभात,डा. अमरदीप, देवांशु पाल, राकेश कु. सिंह, साथ ही उपन्यास और हमारा समय पर डा. संजीव कुमार, पंकज विष्ट, आशुतोष कुमार एवं अशोक वाजपेयी ... . बनफूल और जिंदर की कहानियां भी ...
’अर्य सन्देश’ संपादक- अशोक कुमार ’आलोक’, सम्पर्क:-आश्रयिणी, मिशन रोड, पूर्णिया- 854301. बिहार.पृ.- 150, राशि- 30/- मोबाइल- 09709496944.

बुधवार

महामहिम राष्ट्रपति ने किया सम्मानित मधेपुरा की बेटी अर्चना को ।


5 सितम्बर, शिक्षक दिवस पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के कर कमलों द्वारा मधेपुरा, जयप्रकाश नगर, की बेटी श्रीमती अर्चना, सहायक शिक्षका, मध्यविधालय उफरैल, पूर्णिया को 2010 के रष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर भारत के मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल एवं राज्यमंत्री सहित कई हस्तियां उपस्थित थे। सम्मान स्वरूप प्रशस्ति पत्र, रजत पदक के अलावे 25 हजार रु. का ड्राफ्ट भी दिया गया।
    श्रीमती अर्चना के पिता श्री रामजी रजक एवं माता श्रीमती शकुंतला देवी भी मधेपुरा के अवकाश प्राप्त शिक्षक हैं। अर्चना भी सर्वप्रथम जगजीवन आश्रम मध्य विधालय  मधेपुरा से शिक्षण कार्य आरंभ की थी। अर्चना के पति श्री इंद्रदेव रजक पूर्णिया आकाशवाणी में वरीय उद्घोषक के पद पर पदस्थापित हैं। ज्ञातव्य हो कि श्रीमती अर्चना को विगत वर्ष राज्य शिक्षा पुरस्कार के रूप में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 हजार चेक व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था। इसके अतिरिक्त पूर्णिया जिले के शिक्षा विभाग एवं प्रशासन द्वारा भिन्न-भिन्न अवसरों पर भी अर्चना पुरस्कृत होती रही है।

बी.पी. मंडल राजकीय जयन्ती समारोह 2011 पर जारी स्मारिका ।

सामाजिक क्रांति के अग्रदूत एवं मंडल आयोग के प्रणेता विन्ध्येश्वरी प्रसाद मंडल के जन्म दिवस ( 25 अगस्त ) को बिहार सरकार द्वारा राजकीय समारोह के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर मधेपुरा में जारी स्मारिका के ताजे अंक में मंडल जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का मूल्यांकन किया गया है। डा. सुरेश कुमार ‘भूषण’ का आलेख- विराट व्यक्तित्व के स्वामीःबी.पी. मंडल, डा. आलोक कुमार का पिछड़ा वर्गः विकास , मुद्दे और समस्याएं, शचीन्द्र का मंडल जी की चाह, डा. रामचन्द्र प्रसाद यादव का आरक्षण के विरोध का ‘आरक्षण’ और डा. अरुण कुमार मंडल का तू है बेमिसाल जैसे महत्वपूर्ण आलेखों से युक्त इस स्मारिका में डा. भूपेन्द्र ना.यादव ‘मधेपुरी’ का आलेख ‘बी.पी. मंडल: निडर, निर्भीक एवं निर्भय व्यक्तित्व के स्वामी में मंडल जी के व्यक्तित्व का समग्र एवं कृतित्व का क्रमवद्ध मूल्यांकन है - सांसारिक सच है कि  - जो डरा सो मरा। बी.पी. मंडल कभी नहीं मरेंगे, इसलिए कि वे कभी नहीं डरे। (डा. मधेपुरी)
मंडल कमीशन के प्रणेता एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बी.पी मंडल जी का राजनीतिक सफर-
सदस्य बिहार विधानसभा - 1952 - 1957, 1962 - 1967, 1972 - 1975.
सदस्य बिहार विधान परिषद् -1968.
सदस्य लोकसभा - 1967-1968
मंत्री, बिहार: 1967-1968
मुख्यमंत्री, बिहार:01.02.1968-18.03.1968.
सदस्य लोकसभा - 1977-1980.
अध्यक्षः द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग: 01.01.1979 - 31.12.1980
उपाध्यक्षः बिहार राज्य नागरिक परिषद् 1980-1982 (मृत्यु पर्यन्त)
बी.पी. मंडल राजकीय जयन्ती समारोह स्मारिका-2011.
संपादकः श्यामल किशोर यादव, डा. भूपेन्द्र ना. यादव ‘मधेपुरी’, डा. शांति यादव  (मधेपुरा, बिहार)
संपर्क: मोबाइल- 9431091815. 9431254655. 9473191355.

रविवार

भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन में कोसी अंचल के नौ शहीद !! कलम, आज उनकी जय बोल !

भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन में ब्रिटश सरकार द्वारा किये गये दमन के फ़लस्वरुप सम्पूर्ण बिहार में 134 व्यक्ति शहीद हो गये – जिनमें नौ शहीद कोसी अंचल के थे –

1 शहीद बच्चा मंडल – पिता – जागो मंडल, डपरखा, जिला – सुपौल
2 शहीद चुल्हाई यादव, पिता – फ़ूलचन्द यादव, मनहरा सुखासन, जिला – मधेपुरा
3 शहीद धीरो राय, पिता – गुदड़ राय, एकाड़, जिला – सहरसा
4 शहीद बाजा साह, पिता – बहारी साह, किसुनगंज, जिला – मधेपुरा
5 शहीद पुलकित कामत, पिता – ठीठर कामत, बनगांव, जिला – सहरसा
6 शहीद हरिकान्त झा, पिता – जनार्दन झा, बनगांव, जिला- सहरसा
7 शहीद कालेश्वर मंडल, पिता– रामी मंडल, गढिया बलहा (सहरसा )
8 शहीद भोला ठाकुर, पिता – बबुआ ठाकुर, चेनपुर (सहरसा )
9 शहीद केदारनाथ तिवारी, पिता –विश्वनाथ तेवारी, नरियार (सहरसा )

- कलम, आज उनकी जय बोल !

शुक्रवार

कोसी पर केन्द्रित महत्पूर्ण पुस्तक- अंग प्रदेश की महानदी कोशी


कोसी लोककथाओं की माँ है, इनमें कई लोककथाएँ तो सीधे कोसी से जन्म और इनके उन्मत्त रूप से जुड़ी हुई है। कोसी अपने उत्स से चाहे जिस पर्वतीय प्रदेश से जुड़ी हुई हो, लेकिन कोसी, अगर कोसी के रूप में सही-सही कहीं जानी जाती है, तो अंगुत्तराप यानी उत्तर अंग में प्रवेश से ही। और उत्तर अंग में प्रवेश  के साथ ही कोसी लोककथाओं से जुड़ जाती है.....पुस्तक से
पुस्तकः  अंग प्रदेश की महानदी कोशी / मूल्य - 150/00
लेखकः चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
प्रकाशकः निराली दुनिया पब्लिकेशन्स
नई दिल्ली-2., फोन- 011 23276094, मो.- 09811270387.

सोमवार

साहित्यकार रामवृक्ष बेनीपुरी की सुपुत्री प्रभा बेनीपुरी के निधन पर मुख्यमंत्री का शोक

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रख्यात साहित्यकार रामवृक्ष बेनीपुरी की सुपुत्री प्रसिद्ध शिक्षाविद श्रीमती प्रभा बेनीपुरी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। कुमार ने शनिवार को अपने शोक संदेश में कहा है कि श्रीमती प्रभा बेनीपुरी एक प्रख्यात समाजसेवी और प्रसिद्ध शिक्षाविद थी। उनके निधन से शिक्षा जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा उनके परिजनों एवं प्रशंसकों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।

नक्सली फरमान : 27 को बंद रहेगा उत्तरी बिहार


मुजफ्फरपुर. प्रतिबंधित नक्सली संगठन भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के उग्रवादियों ने अपने सहयोगियों की गिरफ्तारी के विरोध में 27 जुलाई को उत्तर बिहार के तिरहुत और सारण प्रमंडल में बंद का आह्वान किया है. भाकपा माओवादी (उत्तर बिहार-पश्चिम जोनल कमिटी) के सचिव प्रहार जी के माध्यम से आज जारी पर्चे में कहा गया है कि पिछले 18 जुलाई को मुजफ्फरपुर जिले के बसठपुर से संगठन के तीन माओवादियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
इसी के विरोध में संगठन ने आगामी बुधवार को उत्तर बिहार के तिरहुत और सारण प्रमंडल के तहत आने वाले सभी जिलों में बंद रखने की घोषणा की है. पर्चे में यह भी कहा गया है कि बंद के दौरान चिकित्सा सेवा और दूध की आपूर्ति को मुक्त रखा जायेगा.(भास्कर दैनिक)

रविवार

कोसी फिर उफान पर कई गांवों में घुसा पानी

सहरसा। कोसी फिर से उग्र हो उठी है। कई गांवों में जहां बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है वहीं कई स्थानों पर नदी का दबाव बढ़ गया है। नेपाल में दो-तीन दिनों से हो रही बारिश के बाद पूर्वी व पश्चिमी कोसी तटबंध पर चौकसी बढ़ा दी गई है।
कोसी का डिस्चार्ज बढऩे के बाद किशनपुर प्रखंड के अरराहा, एगडारा, लक्ष्मीनियां, सोनवर्षा, बौराहा, परसामाधो, मुरकुचिया, झखराही, मोमिन टोला, बेलागोठ, सुकुमारपुर, सुजानपुर, सिसवा आदि गांवों में दो से तीन फीट पानी प्रवेश कर गया है। लोगबाग दहशत में हैं। पश्चिमी तटबंध के अंदर सिकरहटा, झखारी, निम्न बांध सहित कोसी महासेतु की सुरक्षा के लिए निर्मित गाइड बांध पर भी कोसी खतरे की घंटी बजा रही है। इधर, जलस्तर में वृद्धि से सनपतहा के समीप अस्थाई एप्रोच पथ कट गया है। फलस्वरूप लोगों को आवागमन में काफी दुश्वारियां उठानी पड़ रही है। उधर, नवहट्टा प्रखंड के पहाड़पुर, रामपुर, उराई, बिरजाईन, नारायणपुर, ऐराजी आदि गांव कटाव की चपेट में है। कई परिवारों के बेघर होने की सूचना मिली है। दै.भास्कर.

शुक्रवार

कोसी नदी पर बनेगा नया पुल - सांसद

उत्तर बिहार के कोसी क्षेत्र के कई जिलों को राजधानी पटना और कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जोड़ने के लिए कोसी नदी के डुमरी घाट के समीप एक नए के बुल ब्रिज का निर्माण कराया जाएगा। खगडिया लोकसभा क्षेत्र से जदयू सांसद दिनेशचन्द्र यादव ने बुधवार को बताया कि करीब पचास करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस के बुल ब्रिज के तैयार हो जाने से कोसी क्षेत्र के सहरसा, सुपौल और मधेपुरा का सीधा संपर्क पटना समेत राज्य के कई भागों से हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए संबंधित मंत्रालय से स्वीकृति मिल गई है। यादव ने बताया कि पुल का निर्माण कार्य डेढ़ वर्ष में पूरा किया जाना है और मानसून के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि वर्तमान पुल की जर्जर स्थिति के कारण इस पर केवल छोटी गाडियों का परिचालन किया जा रहा है।

शनिवार

राहुल पहुंचे फारबिसगंज- भजनपुर गांव में मृतकों के परिजनों का लिया जायजा

फारबिसगंज।कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी शुक्रवार को फारबिसगंज के भजनपुर गांव पहुंचे। सांसद राहुल गांधी तीन जून को भजनपुर में पुलिस की गोली से मारे गए चारों मृतकों और घायल मंजूर के घर गए। राहुल ने उस विवादित ग्लूकोज फैक्ट्री वाले इलाके का भी दौरा किया जहां पुलिस फायरिंग की घटना हुई थी। कांग्रेस के युवराज भजनपुर हाई स्कूल के प्रांगण में इकट्ठा ग्रामीणों से भी मिले और घटनाक्रम की जानकारी ली। लगभग डेढ़ घंटे के दौरे में राहुल गांधी से मीडिया से दूरी बनाए रखी। अनौपचारिक रूप से इतना ही कहा कि वे पीड़ितों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करने आए हैं। यह राजनीतिक यात्रा नहीं है। उन्होंने पुलिस की गोली से अपाहिज हो चुके मंजूर का अपने खर्च पर इलाज कराने का आश्वासन दिया। इसके लिए उसके पिता को दिल्ली बुलाया है। पूर्णिया एयरबेस पर उतरे : राहुल गांधी विमान से सुबह साढ़े दस बजे पूर्णिया के चूनापुर एयरबेस पहुंचे। वायुसेना के हवाई अड्डे पर पूर्णिया जिला कांग्रेस अध्यक्षा इंदु सिन्हा, विधायक अफाक आलम, पूर्णिया के कांग्रेस प्रत्याशी रहे रामचरित्र यादव आदि ने उनकी आगवानी की। वहां से सड़क मार्ग से लगभग साढ़े ग्यारह बजे अररिया जिला स्थित फारबिसगंज अनुमंडल के भजनपुर पहुंचे। भजनपुर गांव में पहले से पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी महबूब अली कैसर, वरीय प्रवक्ता प्रभात कुमार सिंह, युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ललन कुमार, एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष शांभवी शांडिल्य समेत दर्जन भर नेताओं ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को रिसीव किया।
मृतकों के परिजनों के घर पहुंचे लिया हालात का जायजा
भजनपुर गांव में राहुल गांधी चारों मृतकों के घर गए। गत तीन जून की घटना के कारणों और घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। सरकार की ओर से उनको मिली मदद के बारे में पूछा। फिर पुलिस गोली से लकवाग्रस्त हुए छह वर्षीय मंजूर के घर जाकर पिता रसूल अंसारी से मिले। इसके बाद राहुल गांधी सीधे घटनास्थल पहुंचे जहां ग्लूकोज फैक्ट्री से लगी सड़क को घेरे जाने से बवाल खड़ा हुआ। घटनास्थल का मुआयना करने के बाद राहुल भजनपुर प्राइमरी स्कूल में जुटे ग्रामीणों से घटनाक्रम और पूरे हालात की जानकारी ली।- दैनिक भास्कर

बुधवार

बिहार में बाढ़ की आशंका, 4 जिलों में अलर्ट

    पटना।। नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण बिहार की गंडक और राज्य का शोक कही जाने वाली कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने चार जिलों में अलर्ट घोषित कर दिया है।
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, कोसी और गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष (फ्लड कंट्रोल रूम) में प्रतिनियुक्त इंजिनियर ईश्वर सहाय ने बताया कि सुबह छह बजे गंडक नदी पर बने बाल्मीकी बराज से 1,39,400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, वहीं दोपहर 12 बजे यह बढ़कर 1,55,600 क्यूसेक हो गया। इसी तरह कोसी नदी के वीरपुर बराज से कोसी नदी में सुबह छह बजे 1,09,720 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। उन्होंने बताया कि बराज से ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण इन दोनों नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है। इधर, नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण लोग बाढ़ की आशंका से डरे हुए हैं और वहीं तटबंधों में कटाव भी तेजी से हो रहा है। एक अधिकारी की मानें तो चंपारण तटबंध के करीब 78 मीटर पर ठेकहा गांव में कटाव काफी तेजी से हो रहा है। इस बीच सरकार ने कटाव होने वाले स्थानों पर मरम्मत कार्य होने का दावा किया है। इधर, सरकार ने बाढ़ की आशंका को लेकर चार जिलों सुपौल, सहरसा, मधेपुरा और खगड़िया में अलर्ट घोषित कर दिया है। डिज़ास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के विशेष सचिव सुनील कुमार ने बताया कि इन जिलों के 11 प्रखंडों को चिह्नित कर संबंधित जिलाधिकारियों को राहत सामाग्रियों सहित अन्य आवश्यक सामाग्रियों का भंडारण कर लेने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के दल को भी इन जिलों में तैनात करने के लिए कहा गया है। - नवभारत टाइम्स

रविवार

देश में अघोषित आपातकाल की स्थितिः शाहनवाज

सहरसा- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद शाहानवाज हुसैन ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति बना दी है। हुसैन ने शनिवार को केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह विपक्षी नेताओं का फोन टेप करवा रही है। उन्होंने कहा कि देश में फैले भ्रष्टाचार के विरूद्ध उनकी पार्टी व्यापक आंदोलन चलाएगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव हो या कोई और हर किसी को अपनी बात कहने का हक है।- हिन्दुस्तान

सोमवार

तारानन्दन तरूण की सुनहरी यादों का समर्पित ‘क्षणदा’ त्रैमासिक का 20 वां अंक

साहित्यिक, सांस्कृतिक तथा सामाजिक विचारों की संवाहिका त्रैमासिक पत्रिका ‘क्षणदा’ का यह 20 वा अंक मेरे हाथों में है, जो इस कोशी क्षेत्र से प्रकाशित होने वाली भारत सरकार से निबंधित इकलौती पत्रिका है।  इस पत्रिका के सम्पादक प्रमुख श्री सुबोध कुमार सुधाकर हैं। जहाँ तक इसकी नियमितता का प्रश्न है, तो कुछ विलम्ब से ही सही, अंक सही सलामत निकल जाते हैं। वैसे तो लघु पत्रिकाओं का विलम्ब निकलना नियति है, फिर भी ‘क्षणदा’ पत्रिका कभी भी अपनी दुर्भाग्यपूर्ण नियति पर रोयी नहीं है, वरन् समय का ख्याल रखती हुई निरन्तर निकलती रही है। अस्तु।
    ‘क्षणदा’ (त्रैमासिक) का यह 20 वाँ अंक ‘‘‘तरूण-स्मृति-अंक’’ है। इसके प्रधान सम्पादक भारती भूषण, तारानन्दन तरूण का आकस्मिक निधन 22 जनवरी 2011 को हो गया। इनके आकस्मिक निधन से इस पत्रिका तो क्या, सम्पूर्ण कोशी अंचल की जो क्षति हुई, उसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है। अंक के प्रारम्भ में सम्पादक प्रमुख, सुबोध कुमार सुधाकर द्वारा अंकित सागर्भित सम्पादकीय है, जो स्व0 तरूण के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर भरपूर प्रकाश डालता है। उनके साहित्यिक अवदानों को उजागर करता है। उनके साहित्यिक योगदानों को रेखांकित करता है। पत्रिका के अंत में, पृष्ठ 49 से पृष्ठ 64 तक स्व. तरूण के आकस्ममिक निधन से संबंधित श्रद्धांजलियाँ हैं जो पाठकों के संवेगों को झकझोरती हैं। श्रद्धांजलि देने वालों में ‘क्षणदा के विशिष्ट सम्पादक प्रो0 (डा0) दीनानाथ शरण, सम्पादक सुरेन्द्र भारती, सम्पादक ध्रुवनारायण सिंह ‘राई’ तथा श्री मती अलका वर्मा हैं। डा0 वन्दना वीथिका एवं अन्य पटना के साहित्यकार युगल किशोर प्रसाद, समर्थ आलोचक, मनु सिंह, राज भवन सिंह तथा उ0 प्र0 की लेखिका संतोष शर्मा शान एवं दयानन्द जडि़या अवोध प्रभृति साहित्यकार प्रमुख है। इसके अतिरिक्त स्थायी स्तम्भ ‘पत्र मिले’ पूर्व की भाति रोचक है। कोशी अंचल के चर्चित कवि श्री सुबोध कुमार सुधाकर की काव्य कृति ‘चल नदिया के पार’ की समीक्षाएँ डा0 राम कुवर सिंह एवं पं0 दनर्दन प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखित समीक्षाएँ कृति की विशिष्टताओं को उजागर करती हैं। विद्वान साहित्यकार डा0 बोढ़न मेहता बिहारी का आलेख ‘चैतवार गायन की लोक परम्परा’ लोकगीतों को जीवित रखने में समर्थ है। कहानियों में ‘गुलमोहर’ (सियाराम शर्मा) ‘एक लगाया दस पाया’ (सिद्धार्थ शंकर ) तथा ‘जुदाई का दंश’ (पी0 सी0 गुप्ता) बहुत ही प्रेरक तथा संवेदनशील हैं। लघु कथाएँ भी सभी सुन्दर हैं। गीत, ग़ज़ल़ एवं कविताएँ भी इस अंक में सुन्दर तथा मधुर भावों से ओतप्रोत हैं। जसप्रीत कौर, अक्षय गोजा, नलिनीकान्त, देवी नागरानी, देवेन्द्र प्रसाद, जयकृष्ण भारती प्रभृति कवियों की कविताएं उत्तेजक तथा  भावपूर्ण हैं। ‘सांस्कृतिक समाचार’ स्तम्भ में मधेपुरा एव. अररिया जिला प्रगतिशील लेखक संघ द्वारा संचालित कार्यक्रम की विवरणिका स्वच्छ एवं अनुकरणीय हैं। फारविसगंज से श्री विनोद कुमार तिवारी बरावर कुछ न कुछ कार्यक्रम करते रहते हैं और उनकी सभी सूचनाएँ ‘क्षणदा’ में छपती रहती हैं। सो इस बार भी फारबिसगंज की सभी सांस्कृतिक सूचनाएँ समाहित हैं। बाद इसके ‘संक्षिप्त समीक्षाएं’ स्तम्भ में बहुत सारी पुस्तकों की समीक्षएं हैं जो लेखक एवं कवियों के उत्साह वर्द्धन कर रहे हैं।
    इस अंक के सर्वांत में ‘क्षणदा’ के प्रधान सम्पादक तारानन्दन तरूण के आकस्मिक निघन से सम्बन्धित उनके प्रति विभिन्न साहित्यकारों की श्रद्धांजलियां दी गई हैं, जो पाठकों को शोकसंतप्त करने वाली हें।
    ‘क्षणदा’ का यह 20 वाँ ‘तरुण स्मृति अंक’ बहुत ही सुन्दर, मन-भावन तथा दिलकश बन पड़ा है। भाई सुधाकर को मेरी ओर से बहुत-बहुत बघाइयाँ.......
                 - डा0 जी0 पी0 शर्मा, भटौनी भवन, विद्यापति नगर, सहरसा (बिहार) मोबाइल- 9835821995.

समीक्षक


सुबोध कु. सुधाकर, संपादक: क्षणदा


रविवार

सहरसा में मैथिली रचनाकारों का समागम- कोसी क्षेत्र में साहित्य अकादेमी का दो दिवसीय ऐतिहासिक आयोजन सम्पन्न


साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित ‘मिथिलाक साहित्यिक-सांस्कृतिक उत्कर्षमे संत कवि लोकिनक अवदान’ विषय पर आयोजित समारोह के दूसरे दिन 11 जून, शनिवार को चतुर्थ सत्र आरंभ हुआ। इस सत्र का विषय था - ‘महर्षि मेंहीं दासक अलौकिक सामाजिक चेतना’। गोष्ठी में आलेख पाठ डा. अरविन्द मिश्र नीरज एवं डा. राजा राम प्रसाद ने किया। दोनो विद्वानों ने अपने आलेख में महर्षि जी के व्यक्तित्व एवं सत्संग कार्य पर भरपूर प्रकाश डाला। गोष्ठी की अध्यक्षता डा. नित्यानंद दास ने की। वे स्वंय विषयवस्तु में निष्णात हैं तथा अकादेमी द्वारा पुरस्कृत हैं। वक्ताओं ने कहा कि महर्षि मेही दास ने संतमत की जटिलता को सहज एवं सुलभ बनाया, इतना सहज कि अनुसूचित जाति एवं पिछड़ी जाति से लेकर उच्च वर्ण तक के लोग इनके अनुयायी हैं। इन्होंने साधना को सहज ही नहीं किया अपितु लोकोन्मुखी भी बनाया। साहित्य अकादमी के संयोजक डा. विद्यानाथ झा ‘विदित’ ने कहा कि समस्त मिथिला के 25 प्रतिशत जनमानस महर्षि जी के अनुयायी हैं तथा 25 प्रतिशत कबीरदास के। महर्षि जी ने संतमत पर अधिक जोर दिया। उनके विचार से सतसंग से परस्पर भाई-चारा, संगठन, लोकशक्ति एवं संघशक्ति का संवर्द्धन होता है।
     कार्यक्रम का पंचम सत्र - ‘मिथिलाक सांस्कृतिक उत्कर्ष आ मंडन मिश्र’ पर परिचर्चा आरम्भ हुई इसकी अध्यक्षता कोसी अंचल के वरिष्ठ साहित्यकार श्री हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’ ने की तथा डा. देवशंकर नवीन एवं प्रो. कुलानंद झा ने आलेख पाठ किए। डा. नवीन ने अपने आलेख में - माधवाचार्य के ‘शांकर दिग्विजय’ को असंवद्ध एवं फर्जी करार देते हुए यह सिद्ध करने की चेष्टा की कि मंडन मिश्र और शंकराचार्य में शास्त्रार्थ हुआ ही नहीं था। इस संबन्ध में उन्होंने पंडित सहदेव झा के ग्रंथ ‘मंडन मिश्र का अद्वैत दर्शन’ तथा इस ग्रंथ में डा. तारानंद वियोगी की सारगर्भित भूमिका को संदर्भित करते हुए अपने विचार की पुष्टि की। प्रो. कुलानंद झा ने अद्वैत दर्शन पर अपने विचार रखे। अध्यक्ष श्री शलभ ने कहा कि - प्रसिद्ध वेदांत विचारक मंडन मिश्र का अद्वैत दर्शन एक नवीन आयाम प्रस्तुत करता है। वेदांत की गृहस्थ व्याख्या सर्वप्रथम मंडन मिश्र ने की थी। उनका चिंतन वर्ग एवं जाति विहीन सामाजिक वैज्ञानिक परिकल्पना है जो ब्रह्म के अद्वैतवाद पर आधारित है।
    समापन सत्र की अध्यक्षता एम.एल.टी कालेज सहरसा के प्राचार्य डा. राजीव सिन्हा ने की इन्होंने कार्यक्रम पदाधिकारी श्री पोन्नुदुरै तथा संयोजक डा. विद्यानाथ झा विदित को महाविधालय की ओर से अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। श्री अरविन्द ठाकुर एवं श्री पंचानन मिश्र ने मिथिला के सांस्कृतिक उत्कर्ष विषय पर अपने आलेख का पाठ किया तथा पर्यवेक्षीय रपट श्री हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’ एवं डा. महेन्द्र ने प्रस्तुत किया। स्नात्कोत्तर केन्द्र के पूर्व प्राचार्य डा. जवाहर झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
    इस ऐतिहासिक समारोह के अंत में मैथिली कवि-सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता डा. विद्यानाथ झा विदित एवं मंच संचालन अजित कुमार आजाद ने किया। कवियों में श्री अमलेन्दु पाठक, प्रो कुमार ज्योतिवर्द्धन, निर्भय, विद्याधर मिश्र, जनक, हरिवंश झा, स्वाति शाकम्भरी, मोहन यादव आदि ने अपनी धारदार कविताओं के माध्यम से कार्यक्रम को यादगार बना दिया। सहरसा में साहित्य अकादेमी का यह पहला आयोजन था जिसे रचनाकार एवं बुद्धिजीवियों ने जम कर सराहा।

सहरसा में साहित्य अकादेमी द्वारा दो दिवसीय आयोजन की तस्वीरें...







शनिवार

मैथिली विश्व की सर्वाधिक वैज्ञानिक भाषा। साहित्य अकादेमी के आयोजन में टूटी कुर्सियाँ - चली कुर्सियाँ! प्रथम दिवस का आयोजन संपन्न।

मिथिला के साहित्यिक एवं सांस्कृतिक उत्कर्ष में संत कवियों के अवदान विषय पर साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली द्वारा समारोह एम.एल.टी. कालेज सहरसा के परिसर में (10-11 जून 2011.) आयोजित किया गया। आयोजन के प्रथम दिन उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता मैथिली के चर्चित साहित्यकार डा. मायानंद मिश्र ने की। उन्होंने मैथिली भाषा को विश्व की सबसे वैज्ञानिक भाषा का दर्जा दिया। कार्यक्रम का  उद्घाटन बीएन मंडल विश्वविधालय के कुलपति डा. अरुण कुमार की अनुपस्थिति में सहरसा कालेज के प्राचार्य डा. राजीव कुमार ने किया। इस अवसर पर साहित्य अकादेमी के मैथिली प्रभाग के संयोजक डा. विद्यानाथ झा विदित ने अपने भाषण में साहित्य अकादेमी के मैथिली प्रभाग के क्रिया-कलाप तथा मैथिली साहित्यकारों के लिए किये जा रहे अनेक कार्यक्रमों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि - हिमालय भारत का सर है तो मिथिला आँख है। उन्होंने इस आयोजन को मिथिला-मैथिली की एकता और समरसता को समर्पित बताया।साहित्य अकादेमी के विशेष कार्यक्रम पदाधिकारी जे. पोन्नुदुरै ने उपस्थित श्रोताओं एवं साहित्यकारों का अंग्रेजी में स्वागत किया। प्रथम सत्र की अध्यक्षता बी.एन. मंडल विश्वविधालय, मधेपुरा के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डा. ललितेश मिश्र ने की। इस अवसर पर संतशिरोमणी लक्ष्मीनाथ गोस्वामी विषयक आलेख पाठ करते हुए डा. रामचैतन्य धीरज, डा. तेजनारायण शाह, डा. हरिवंश झा एवं डा. रंजीत सिंह ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। इनके साथ ही डा. रवीन्द्रनाथ चैधरी इस संत की जीवन यात्रा को नक्शे पर दिखलाते हुए इनकी कृति पर विशेष प्रकाश डाला।
     द्वितीय एवं तृतीय सत्र संयुक्त रूप से संपादित किया गया। द्वितीय सत्र में भारती के आध्यात्मिक उत्कर्ष एवं तृतीय सत्र में लोकदेव कारू खिरहरि पर विशेष चर्चा हुई । द्वितीय सत्र की अध्यक्षता डा. भारती झा तथा तृतीय सत्र की अध्यक्षता डा. राजाराम शास्त्री ने की। द्वितीय सत्र में डा. लालपरी देवी, डा. भारती झा एवं डा. पुष्पम नारायण तथा तृतीय सत्र में डा. शिवनारायण यादव एवं डा. रामनरेश सिंह ने गवेष्णात्मक आलेख पाठ किये।
कार्यक्रम इस रूप में भी स्मरणीय रहा कि कमजोर कुर्सियाँ रहने की वजह से भारी शरीर वाले कई श्रोता व प्राध्यापकों का वजन यह नहीं सह सकी फलस्वरूप वे गिरे और कुर्सियाँ टूटी। ऐसा कई बार हुआ। साथ ही स्तरीय आलेख नहीं रहने की शिकायत सुनकर एक प्राध्यापक ने सभा वहिष्कार करने की चेष्टा की, हल्ला बोला और अध्यक्ष के विरूद्ध भड़ास निकाला। इसके पूर्व व्यवस्था को लेकर कर कई मैथिली प्राध्यापक आपस में भिड़ गये जिसे अकादमी के संयोजक डा. विदित ने शांत कराया। 

  

रविवार

भूपेन्द्र ना. मंडल विश्वविधालय, मधेपुरा के पूर्व परीक्षा नियंत्रक का निधन।

भू.ना.मंडल विश्वविधालय, मधेपुरा के पूर्व परीक्षा नियंत्रक एवं स्नात्कोत्तर भौतिकी के पूर्व विभागाध्यक्ष- डा. राजकिशोर प्रसाद यादव का निधन आज पूर्वाह्न में प्रोफेसर कोलोनी स्थित उनके मधेपुरा निवास पर हो गया। वे कुछ दिनों से मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल अस्पताल में इलाज करा रहे थे। वे भूपेन्द्र ना. मंडल विश्वविधालय, मधेपुरा में 1992 - 98 तक परीक्षा नियंत्रक के रूप में अपने दायित्व का निर्वहन किया तथा 2004 में सेवानिवृत हुए। उनके निधन पर मंडल विश्वविधालय के पूर्व विकास  पदाधिकारी एवं परीक्षा नियंत्रक डा. भूपेन्द्र नारायण यादव ‘मधेपुरी’ ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इससे शिक्षा जगत मर्माहत है। 

कोसी में पायलट चैनल पर शीघ्र पहल करे केन्द्र : नीतीश


कोसी में पायलट चैनल को लेकर उत्पन्न हुई समस्या का एक सप्ताह में निराकरण नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री से मिलेंगे। इस मसले को लेकर जल्द नेपाल से बात करने का आग्रह उन्होंने केन्द्र से किया है। साथ ही नेपाल सरकार को भरोसा दियाकि इससे उसका कोई नुकसान नहीं होने वाला है। वीरपुर में बराज का मुआयना करने के बाद पटना लौटे मुख्यमंत्री ने कहा कि कोसी बराज से नीचे लगभग 25 किमी की लम्बाई में नदी पूर्वी बांध से सटकर बह रही है। यह खतरनाक संकेत है। पूर्वी बांध पर कोई खतरा उत्पन्न हो, इससे पहले राज्य सरकार उपाय कर लेना चाहती है। नदी की धारा को मूल स्थान पर लाने के लिए पायलट चैनल जरूरी है। इससे पूर्वी तटबंध पर दबाव कम हो जाएगा और नेपाल से आने वाले अनियंत्रित बहाव को भी कम किया जा सकेगा। काम नेपाल क्षेत्र में होना है और वहां की सरकार ने इसका विरोध कर दिया है। ऐसे में केन्द्र को जल्द पहल करनी होगी। तटबंध के बचाव के लिए जो करना है, राज्य सरकार करेगी, लेकिन पायलट चैनल का मामला केन्द्र को ही सलटाना है। मुख्यमंत्री ने जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ हवाई सर्वेक्षण के बाद बाढ़ सुरक्षात्मक तैयारी की स्थल पर ही समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नेपाल के मीडिया ने गलतफहमी पैदा की है। पहले जब धारा मूल स्थान पर थी, तब नेपाल को कहां कष्ट था। हम आज भी वही स्थिति बनाना चाहते हैं। उनकी आशंका बेबुनियाद है। पहले नदी पश्चिम दिशा में बहती थी, अब उल्टी हो गई है। नदी का ज्यादा हिस्सा नेपाल में है, लेकिन खतरा बिहार के लोगों के समक्ष है। दो दिन पूर्व केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद को स्थिति से अवगत करा दिया है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने भी नेपाल के प्रधानमंत्री से बात की है। हम इंतजार कर रहे हैं कि अपने प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री विदेश यात्रा से लौटकर आएं और अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें।-हिन्दुस्तान

सोमवार

बिहार की रचनात्मता को समर्पित पूर्णिया से प्रकाशित अर्य संदेश।


बिहार से प्रकाशित समकालीन साहित्यक पत्रिकाओं में पूर्णिया से प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका ‘अर्य संदेश’ का नया अंक (संपादक- अशोक कुमार ‘आलोक’) एक नायाब तोहफा है बिहार और विशेषकर कोसी क्षेत्र की साहित्यिक और सांस्कृतिक बिरादरी के लिए। 140 पृष्ठों के इस अंक में भाषान्तर के अन्तर्गत भूपेन्द्र सिंह की पंजाबी कहानी,  जय श्री राय, रंजना जायसवाल, रमेश नीलकमल, डा. पद्मा शर्मा, अरुण अभिषेक, कृतनारायण प्यारा की कहानियाँ। किरण अग्रवाल, डा. सकलदेव शर्मा, डा. निरूपमा राय, डा. उत्तिमा केशरी, डा. योगेन्द्र, अशोक अंजुम, महेन्द्र नेह एवं उषा यादव आदि की कविताएँ तथा आंचलिक पड़ताल के अन्र्तगत बच्चा यादव का आलेख - कोसी अंचल की सांस्कृतिक धरोहर: भगैत सहित राही मासूम ‘रजा’ पर केन्द्रित डा. शैलजा जायसवाल और डा. जनार्दन यादव जी का आलेख भी अंक को महत्वपूर्ण बनाता है।
अर्य संदेश’, संपादक: अशोक कुमार ‘आलोक’
संपर्क- ‘आश्रयिणी’, मिशन रोड (निकट किड्जी स्कूल)
दक्षिण भट्ठा, पूर्णिया- 854301. बिहार. मोबाइल - 09709496944
e.mail-ashokalok09@gmail.com

शनिवार

हत्या मामले में आनंद मोहन सहित 11 अन्य बरी


सहरसा। नौ साल पहले हुए मर्डर केस में आरोपी बनाए गए पूर्व लोकसभा सांसद आनंद मोहन सहित 11 अन्य लोगों को यहां एक स्थानीय अदालत ने बृहस्पतिवार को बरी कर दिया। फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश राम प्रकाश ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया। गौरतलब है कि 22 जनवरी 2002 को पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना के बॉडीगार्ड घनश्याम सिंह की अज्ञात बंदूकधारियों ने विद्यापति नगर में हत्या कर दी थी, जिसमें आनंद मोहन सहित 11 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था।- अमर उजाला

बुधवार

पंचायत चुनाव: कोसी व पूर्व बिहार में 70 फीसदी वोटिंग


 पंचायत चुनाव के सातवें चरण में सोमवार को कोसी और पूर्व बिहार में छिटपुट घटनाओं के बीच लगभग 70 फीसदी मतदान की खबर है। कड़ी धूप के बावजूद विभिन्न मतदान केंद्रों पर सुबह से ही वोटरों की लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। सुपौल में परसागढ़ी दक्षिण पंचायत के बूथ नंबर 364 एवं 365 पर जोनल दंडाधिकारी के साथ तैनात पुलिस वाहन के शीशे को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। पूर्णिया जिले में बी. कोठी प्रखंड की निपनियां पंचायत में बूथ संख्या 169 एवं 170 पर एक-एक सील मतपेटियों पर असामाजिक तत्व द्वारा पानी डाल दिया गया। सहरसा जिले के महिषी प्रखंड में लगभग 60 प्रतिशत मतदान होने की खबर है। एसपी मो. रहमान ने बताया कि चुनाव के दौरान छह असामाजिक तत्वों को हिरासत में लिया गया। सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज प्रखंड में छिटपुट घटनाओं के बीच 69 प्रतिशत मतदान होने की खबर है। मतदान के दौरान 122 लोगों को गिरफ्तार किया गया। जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि परसागढ़ी दक्षिण पंचायत के बूथ नंबर 364 एवं 365 पर जोनल दंडाधिकारी के साथ तैनात पुलिस वाहन के शीशे को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। मतदाताओं के उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा। थलहा गढ़िया दक्षिण पंचायत के बूथ नंबर 38 पर भी पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प की खबर है। मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर एवं घैलाढ़ प्रखंड में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है। घैलाढ़ प्रखंड क्षेत्र में 71 तथा सिंहेश्वर प्रखंड क्षेत्र में 71 प्रतिशत मतदान हुआ। डीएम मिन्हाज आलम एवं एसपी वरुण कुमार सिन्हा मतदान केंद्रों का मुआयना कर चुनाव कर्मियों को निर्देशित करते रहे। पूर्णिया जिले के बी. कोठी एवं श्रीनगर प्रखंडों में क्रमश: 66 एवं 76 फीसदी वोटरों ने अपने मतों का प्रयोग किया। बी. कोठी प्रखंड की निपनियां पंचायत में बूथ संख्या 169 एवं 170 पर एक-एक सील मतपेटियों पर असामाजिक तत्व द्वारा पानी डाल दिया गया।- हिन्दुस्तान दैनिक

आज दैनिक हिन्दुस्तान (कोसी संस्करण ) में प्रकाशित खबर - अरविन्द को मिला प्रतिभा सम्मान

                               
   कोसी हुआ गौरवान्वित

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने किया अरविन्द श्रीवास्तव को सम्मानित!

 कोसी क्षेत्र के चर्चित युवाकवि लेखक एवं लाॅगर अरविन्द श्रीवास्तव को ‘हिन्दी ब्लॊग प्रतिभा सम्मान 2011’ से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने 30 अप्रैल को  हिन्दी भवन, नई दिल्ली में सम्मानित किया। यह सम्मान समारोह हिन्दी साहित्य निकेतन और नुक्कड़ डाट काम की ओर से आयोजित था जिसमें  वरिष्ठ कवि अशोक चक्रधर, रामदरश मिश्र, प्रभाकर श्रोत्रिय , देवेन्द्र कुमार ‘देवेश’ आदि उपस्थित थे। बिहार से यह सम्मान पाने वाले अरविन्द श्रीवास्तव पहले व्यक्ति हैं। इन्हें यह सम्मान ब्लाग जगत में सकारात्मक योगदान एवं ‘न्यू मीडिया’ और इंटरनेट पर लिखे जा रहे साहित्य की समालोचना हेतु दिया गया। इस सम्मान में प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह एवं बहुमूल्य पुस्तकों  का सेट आदि भेंट किया गया। ज्ञातव्य है कि अरविन्द श्रीवास्तव ‘परिकथा’ पत्रिका में ‘ब्लाग’ शीर्षक से स्थायी स्तम्भ लिखते हैं तथा इंटरनेट पर इनका ब्लाग ‘जनशब्द’ एवं ‘कोसी खबर’ चर्चित रहा है।
    अरविन्द की इस उपलब्धि पर कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सचिव डा.भूपेन्द्र नारायण यादव ‘मधेपुरी’, डा. शांति यादव, मंजुश्री वात्सायन, शहंशाह आलम, डा. सिद्धेश्वर काश्यप, मुक्तेश्वर ‘मुकेश’, केदारनाथ गुप्ता, डा.जी.पी शर्मा, अशोक सिन्हा, मुसाफिर बैठा, अरुण नारायण, श्री गोविन्द प्रसाद शर्मा, इंदुवाला सिन्हा, भोला प्रसाद सिन्हा, डा. शमशाद आदि ने अपनी शुभकामनाएँ दी।

शुक्रवार

सहरसा DIG समेत 5 पुलिस अफसरों पर चलेगा हत्या का मुकदमा

पूर्णिया. सहरसा रेंज के वर्तमान DIG व तत्कालीन पूर्णिया SP सुंधाशु कुमार के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलेगा। उनके साथ पूर्णिया में उस समय के तत्कालीन चार दारोगा के खिलाफ भी अदालत ने मुकदमा चलने की अनुमति दे दी है। इन सभी पर एक व्यक्ति की हत्या कर उसके शव को गायब कर देने का आरोप है। अदालत ने इस मामले में दाखिल अभियोग पत्र वाद संज्ञान में लिया है। पूर्णिया के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी दयालाल प्रसाद ने अभियोग पत्र वाद संख्या 1807/2005 में प्रथम दृष्टया घटना को सही माना है। साथ ही पूर्णिया के तत्कालीन एसपी सुधांशु कुमार, उसी समय टाइगर मोबाइल के प्रभारी सिन्धु शेखर, सहायक खजांची थानाअध्यक्ष गौतम कुमार, के. हाट थाना अध्यक्ष ज्योति प्रकाश एवं सदर के तत्कालीन एसएचओ राम सिंह के खिलाफ धारा 302, 201 एवं 120 बी के तहत संज्ञान लिया है। अदालत ने इन सभी आरोपियों को 18 मई को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
क्या है मामला?
सहायक खजांची थाना क्षेत्र के व‌र्द्धमान हाता निवासी रामविलास सिंह ने अदालत में मामला दर्ज कराया था कि वर्ष 2005 के 23 अगस्त को रात 12 बजे सादे लिबास में सभी आरोपी पुलिस पदाधिकारी उनके घर घुस आए। उनकी बड़ी बेटी संजू देवी और दामाद हरेन्द्र कुमार मेहता को पकड़कर वे अपने साथ ले गए। दूसरे कमरे में सो रही उसकी छोटी बेटी गुडि़या को भी पुलिस वाले ले गए। सबको सदर थाने में जाकर बंद कर दिया। वहां से फिर गुडि़या को दूसरे वाहन पर सवार कर एनएच 31 की ओर ले जाया गया। 25 अगस्त को अभियोगी की बड़ी पुत्री संजू देवी और उसके पति को सादे कागज पर हस्ताक्षर कराकर सहायक खजांची थाना अध्यक्ष ने छोड़ दिया। लेकिन 23 अगस्त से ही गुडि़या का कोई पता नहीं चल पाया। उसकी खोज की जाती रही लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका। रामविलास सिंह ने इस बात की आंशका जतायी कि गुडि़या की हत्या कर उसके शव को साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से छिपा दिया गया। इसी मामले को लेकर अदालत ने DIG समेत सभी को उपस्थित होने का निर्देश दिया है। - दैनिक भास्कर

गुरुवार

स्रोत जो भी हो, हर हाल में बिजली चाहिएः कांग्रेस


बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जनता को बिजली-पानी शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता प्रभात कुमार सिंह ने मंगलवार को यहां कहा कि कांग्रेस पार्टी किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री को बहानेबाजी की आड़ में बचने का मौका नहीं देगी और इस मामले पर वह बहुत जल्द आंदोलन की रूपरेखा बनाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कांग्रेस ने पांच अप्रैल को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय महाधरना का आयोजन किया था। सिंह ने कहा कि राज्य को कोल लिंकेज और कोल बलॉग भी मिले हुए हैं और केन्द्रीय पूल से 1700 मेगावाट बिजली भी मिलती है लेकिन नीतीश सरकार की अकर्मण्यता के कारण वितरण व्यवस्था चौपट है और लोगों को बिजली नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भलीभांति जानते है कि अपनी दूसरी पारी में वह शून्य पर आउट होने वाले हैं इसलिए विशेष राज्य की मांग पर हस्ताक्षर अभियान चलाकर राजनीतिक स्टंट कर रहे है।










मधेपुरा में बिजली गिरने से छह झुलसे


मधेपुरा जिले में मचबखरा गांव में आंधी पानी के बाद बिजली गिरने से 10 घरों में आग लग गयी और तीन महिलाओं सहित छह लोग बुरी तरह झुलस गए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मधेपुरा प्रखंड अंतर्गत मचबखरा गांव में सोमवार देर शाम बिजली गिरने से 10 घरों में आग लग गयी, जिससे छह लोग बुरी तरह झुलस गए। उन्होंने बताया कि तेज हवा के कारण घरों में लगी आग फैल गयी। प्रखंड विकास पदाधिकारी चंद्रमोहन ने बताया कि घायलों की शिनाख्त शंभू दास, रविन्द्र कुमार, मुकेश, जितनी देवी, मीना देवी, सगनी देवी के रूप में की गयी है। सभी बेहोशी की हालत में हैं और उनका इलाज मधेपुरा सदर अस्पताल में चल रहा है।- हिन्दुस्तान




शनिवार

छह करोड़ ठग कर कंपनी संचालक फरार


सहरसा: लगभग ढाई सौ युवकों को नौकरी के नाम पर छह करोड़ हड़प कर भागने वाली कंपनी के दो सहयोगियों को पुलिस ने बनगांव रोड स्थित एक होटल गिरफ्तार किया. उसकी पहचान पटना निवासी अजीत आर्या और हजारीबाग के जय सिंह उर्फ प्रतीक के प में की गयी है. इधरआक्रोशित युवकों ने शुक्रवार की सुबह स्थानीय महावीर चौक स्थित एनएच 107 को जाम कर यातायात बाधित कर दिया. बाद में स्थानीय लोगों एवं सदर थाना के एसआइ पंकज कुमार के समझाने पर ठगी के शिकार युवकों ने जाम हटाया. सदर थानाप्रभारी शिव कुमार महतो ने बताया कि अब तक पीड़ित युवकों ने थाने में कोई लिखित आवेदन नहीं दिया गया हैआवेदन मिलने पर पुलिस जांच करेगी.  स्थानीय पूरब बाजार स्थित देव मार्केट में पिछले आठ नवंबर से कैरियर सोल्यूशन कंपनी का संचालन किया जा रहा थाजिसमें बेरोजगारों से 8500 रुपये लेकर निबंधन करने और उसके बाद नौकरी का आश्वासन दिया जाता था.  
युवकों ने बताया कि पटना निवासी सुमित सिंह और सुरेश कुमार ने प्लान के तहत नेटवर्किंग  का यह जाल फैलाया था. इसमें मधेपुरा जिले के इंदु भूषण एवं रंजीत स्थानीय स्तर पर इतने बड़े गोरखधंधे में उनका साथ देते थे. महज पांच महीने में ही संचालक ने दो बार कंपनी का नाम व काम भी बदल लिया गया. कंपनी का पूर्व में जहां कैरियर सोल्युशन नाम थावही बाद में एशोनेंस मार्केटिंग एडवर्टीजमेंट प्राइवेट लिमिटेड रखा . कंपनी पहले जहां गाड़ियों की बिक्री एवं विभिन्न कंपनी में नौकरी देने को लेकर लोगों से पैसा का उगाही करती थी. 
वहीबाद में बीमा के नाम पर फोन के माध्यम से व्यवसाय करने लगी. इन्हीं युवकों के माध्यम से उक्त कामों को काल सेंटर बता कर करवाया जाता था. सहरसा के अलावा उक्त कंपनी की शाखा व लोग  मुजफ्फरपुरपूर्णियाभागलपुरखगड़ियामधेपुरा,पटना में भी फैले हुए हैं.- प्रभात खबर 

रविवार

लालू और नीतीश नहीं मनाएंगे होली


पटना। देश भर की तरह बिहार में भी लोग रंगों के त्योहार होली मनाने की अंतिम तैयारियों में लगे हैं लेकिन हर साल आकर्षण का केंद्र रहने वाली लालू प्रसाद यादव की ‘कपड़ा-फाड़ होली’ और मुख्यमंत्री निवास की होली इस साल देखने को नहीं मिलेगी। 
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एक नेता ने शनिवार को बताया कि इस वर्ष पूर्व रेल मंत्री एवं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनकी पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर होली नहीं मनाई जाएगी। इस सूचना के बाद आसपास के लोग मायूस हो गए हैं। स्थानीय लोग उनके आवास पर पहुंचकर सभी भेदभाव मिटाकर विशेष उत्साह से कपड़ाफाड़ होली खेलते थे और इस दौरान फागुन के गीत गाये जाते थे। इस होली में खुद लालू प्रसाद भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं। नेता का कहना है कि लालू प्रसाद के बड़े भाई मुकुन्द राय की पत्नी मरछिया देवी का निधन जनवरी माह में हो गया था इस कारण यह परिवार इस वर्ष होली नहीं खेलेगा। इधर, लालू प्रसाद के घोर विरोधी नीतीश कुमार भी इस वर्ष होली नहीं मनाएंगे। एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर इस वर्ष होली नहीं मनाई जाएगी। मुख्यमंत्री आवास के एक पदाधिकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपनी माता के निधन के कारण होली नहीं मनाएंगे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की माता परमेश्वरी देवी की मौत एक जनवरी को हो गई थी। वे काफी लंबे समय से बीमार थीं। अधिकारी के अनुसार इससे पहले नीतीश कुमार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री आवास में लालू प्रसाद की शैली के विपरीत होली मनाई जाती रही है। यहां केवल सूखे रंग और अबीर-गुलाल की होली होती थी परंतु इस वर्ष यहां होली नहीं होगी।-अमर उजाला

बुधवार

समय से संवाद करता ‘संवदिया’ का ताजा अंक


संवदिया का ताजा अंक पत्रिका से जुड़े रचनाकारों का सार्थक इंतसाब और अदम्य जिजीविषा का संयुक्त मिशन है, जिसने कोसी प्रांगण में फैले विपुल साहित्यिक संपदा को तकरीम के साथ उड़ान भरने का मौका दिया। संपादक अनिता पंडित बकौल मार्केज ‘एक प्रसिद्ध लेखक को, प्रसिद्धि से लगातार खुद की रक्षा करनी पड़ती है’। अंदर दबी संपादन-कला-कौशलता के साथ, संपादक को पाठकों के हित में और अधिक मुखर होना पड़ा। इंटरनेट पर संवदिया का अपना ब्लाग और अभी-अभी साहित्य की चर्चित पत्रिका ‘परिकथा’ (जनवरी-फरवरी, 11) में इसकी चर्चा से स्पष्ट होता है कि छोटे जगह से प्रकाशित संवदिया का फलक कितना विशाल है। संवदिया के ताजे अंक में डा. वरुण कुमार तिवारी का आलेख- नागार्जुन के काव्य में मिथिला का लोकजीवन, कर्नल अजित दत्त का- रेणु की कहानियों पर फिल्में तो पठनीय है ही, साथ में फनीश्वरनाथ रेणु के पत्र मधुकर गंगाधर के नाम के अन्तर्गत रेणु जी के चार दुर्लभ पत्र अक्षरशः प्रकाशित हैं। कहानियों में अरुण अभिषेक, रहबान अली राकेश, इंदिरा डांगी और प्रभात दुबे की कहानियाँ उल्लेखनीय हैं । अंक में गद्य के साथ कविताओं की युगलबंदी ने संवदिया को और अधिक रोचक बना दिया है। श्यामल , धर्मदेव तिवारी, लीलारानी शबनम आदि की कविताएँ भी अंक को सार्थक बनाने से नहीं चूकती।
संपादक: अनीता पंडित
संवदिया प्रकाशन, जयप्रकाश नगर, वार्ड नं.- 7
अररिया-854311. बिहार, मोबाइल - 09931223187.

मंगलवार

कोसी क्षेत्र की समग्र तस्वीर प्रस्तुत करती स्मारिका ‘कोसी दर्पण’


सहरसा प्रमण्डलीय मुख्यालय में वर्ष 2002 से प्रत्येक वर्ष मनाये जाने वाला ‘कोसी महोत्सव’ कोसी अंचल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तथा उसकी विशिष्ठता से सामान्य जन को परिचित कराने में सक्षम है। इस वर्ष 20-21 फरवरी को यह अयोजन समारोह मनाया गया। इस अवसर पर प्रकाशित स्मारिका ‘कोसी दर्पण’ में ‘ कोसी जगत में खेल का इतिहास’ - धर्मेन्द्र कुमार सिंह नयन, ‘कोसी के पर्यटन मानचित्र पर अवस्थित दर्शनीय स्थल’  (संकलित) समृद्ध अतीत का वाहक सु-पाओल यानी सुपौल’ - अरविन्द ठाकुर, ‘इतिहास के आईने में मधेपुरा’- हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’ ‘कोसी में महात्मा बुद्ध का भ्रमण मार्ग’- मुक्तेश्वर मुकेश, ‘आधुनिक युग में सांस्कृतिक एवं साहित्यिक दायित्व’- डा. रेणु सिंह, ‘अमर रचनाकार राजकमल चैधरी’- रणविजय  झा, ‘रेणु के कथा साहित्य में ग्रामीण लोक संस्कृति’- मोहन प्रसाद, ‘लोक देवः बाबा बिसु’- अंजनी कुमार शर्मा, ‘कोसी अंचल में मत्स्य-उद्योग की संभावना’- डां विनय कुमार चैधरी, ‘साहित्य में मधेपुरा का योगदान’- डा. अरविन्द श्रीवास्तव आदि आलेखों के साथ सुभाष चन्द्र झा की गज़ल  के साथ अन्यान्य आलेख एवं कविताएँ हैं। कोसी क्षेत्र की समग्र तस्वीर प्रस्तुत करने में यह स्मारिका सक्षम है।
‘कोसी दपर्ण’
प्रधान संपादकः देवराज देव, भा.प्र.से.
जिला पदाधिकारी, सहरसा.
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