सहरसा / 18.11.11
कोसी अंचल के वयोवृद्ध कवि दिवंगत गणेश चंचल को श्रद्धांजलि अर्पित करने साहित्यकारों का एक दल डा. गोविन्द प्रसाद शर्मा के नेतृत्व में ग्राम सोहा (सोन बर्षा) आया एक भव्य समारोह में दिवंगत कवि को श्रद्धा सुमन अर्पित हुए समारोह के अध्यक्ष तथा सोहा ग्राम के साहित्यानुरागी एवं दिवंगत कवि के मित्र श्री गणेश प्रसाद सिंह ने दिवंगत कवि के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कवि चंचल जन्मजात कवि थे एवं मरने तक कविकर्म जुटे रहे। समारोह को संबोधित करते हुए मधेपुरा से आये वरिष्ठ साहित्यकार हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’ ने कहा कि कवि चंचल की रचनाओं में गीत काव्य के वे सारे गुण थे जो उत्तर छायावाद के बाद हिन्दी कविताओं में पाये जाते हैं कवि चंचल एक सधे हुए नवगीत सहित कविता की अन्य विधाओं के सिद्धहस्त कवि थे। साहित्यकार शलभ ने उनकी काव्यकृति ‘पुष्करणी’ ‘गांधी गाथा’, ‘त्रिपर्णा’ आदि की कई कविताओं को संदर्भित करते हुए उनके काव्यगुण की चर्चा की। डा. गोविन्द प्रसाद शर्मा ने अपने साथ दिवंगत कवि के सानिध्य संबन्धी अनेक स्मरण प्रस्तुत किए। इस अवसर पर डा. अशोक कुमार वर्मा, महेन्द्र बंधु, चंद्रशेखर पौद्धार, श्रीकांत वर्मा ‘विभू’ अवधेश कुमार अवध, मुख्तार आलम, श्यामानंद लाल दास एवं मधेपुरा से आये कवि अरविन्द श्रीवास्तव ने अपनी कविताओं के द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
कोसी अंचल के वयोवृद्ध कवि दिवंगत गणेश चंचल को श्रद्धांजलि अर्पित करने साहित्यकारों का एक दल डा. गोविन्द प्रसाद शर्मा के नेतृत्व में ग्राम सोहा (सोन बर्षा) आया एक भव्य समारोह में दिवंगत कवि को श्रद्धा सुमन अर्पित हुए समारोह के अध्यक्ष तथा सोहा ग्राम के साहित्यानुरागी एवं दिवंगत कवि के मित्र श्री गणेश प्रसाद सिंह ने दिवंगत कवि के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कवि चंचल जन्मजात कवि थे एवं मरने तक कविकर्म जुटे रहे। समारोह को संबोधित करते हुए मधेपुरा से आये वरिष्ठ साहित्यकार हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’ ने कहा कि कवि चंचल की रचनाओं में गीत काव्य के वे सारे गुण थे जो उत्तर छायावाद के बाद हिन्दी कविताओं में पाये जाते हैं कवि चंचल एक सधे हुए नवगीत सहित कविता की अन्य विधाओं के सिद्धहस्त कवि थे। साहित्यकार शलभ ने उनकी काव्यकृति ‘पुष्करणी’ ‘गांधी गाथा’, ‘त्रिपर्णा’ आदि की कई कविताओं को संदर्भित करते हुए उनके काव्यगुण की चर्चा की। डा. गोविन्द प्रसाद शर्मा ने अपने साथ दिवंगत कवि के सानिध्य संबन्धी अनेक स्मरण प्रस्तुत किए। इस अवसर पर डा. अशोक कुमार वर्मा, महेन्द्र बंधु, चंद्रशेखर पौद्धार, श्रीकांत वर्मा ‘विभू’ अवधेश कुमार अवध, मुख्तार आलम, श्यामानंद लाल दास एवं मधेपुरा से आये कवि अरविन्द श्रीवास्तव ने अपनी कविताओं के द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किए।