कोसी में पायलट चैनल को लेकर उत्पन्न हुई समस्या का एक सप्ताह में निराकरण नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री से मिलेंगे। इस मसले को लेकर जल्द नेपाल से बात करने का आग्रह उन्होंने केन्द्र से किया है। साथ ही नेपाल सरकार को भरोसा दियाकि इससे उसका कोई नुकसान नहीं होने वाला है। वीरपुर में बराज का मुआयना करने के बाद पटना लौटे मुख्यमंत्री ने कहा कि कोसी बराज से नीचे लगभग 25 किमी की लम्बाई में नदी पूर्वी बांध से सटकर बह रही है। यह खतरनाक संकेत है। पूर्वी बांध पर कोई खतरा उत्पन्न हो, इससे पहले राज्य सरकार उपाय कर लेना चाहती है। नदी की धारा को मूल स्थान पर लाने के लिए पायलट चैनल जरूरी है। इससे पूर्वी तटबंध पर दबाव कम हो जाएगा और नेपाल से आने वाले अनियंत्रित बहाव को भी कम किया जा सकेगा। काम नेपाल क्षेत्र में होना है और वहां की सरकार ने इसका विरोध कर दिया है। ऐसे में केन्द्र को जल्द पहल करनी होगी। तटबंध के बचाव के लिए जो करना है, राज्य सरकार करेगी, लेकिन पायलट चैनल का मामला केन्द्र को ही सलटाना है। मुख्यमंत्री ने जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ हवाई सर्वेक्षण के बाद बाढ़ सुरक्षात्मक तैयारी की स्थल पर ही समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नेपाल के मीडिया ने गलतफहमी पैदा की है। पहले जब धारा मूल स्थान पर थी, तब नेपाल को कहां कष्ट था। हम आज भी वही स्थिति बनाना चाहते हैं। उनकी आशंका बेबुनियाद है। पहले नदी पश्चिम दिशा में बहती थी, अब उल्टी हो गई है। नदी का ज्यादा हिस्सा नेपाल में है, लेकिन खतरा बिहार के लोगों के समक्ष है। दो दिन पूर्व केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद को स्थिति से अवगत करा दिया है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने भी नेपाल के प्रधानमंत्री से बात की है। हम इंतजार कर रहे हैं कि अपने प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री विदेश यात्रा से लौटकर आएं और अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें।-हिन्दुस्तान
रविवार
कोसी में पायलट चैनल पर शीघ्र पहल करे केन्द्र : नीतीश
कोसी में पायलट चैनल को लेकर उत्पन्न हुई समस्या का एक सप्ताह में निराकरण नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री से मिलेंगे। इस मसले को लेकर जल्द नेपाल से बात करने का आग्रह उन्होंने केन्द्र से किया है। साथ ही नेपाल सरकार को भरोसा दियाकि इससे उसका कोई नुकसान नहीं होने वाला है। वीरपुर में बराज का मुआयना करने के बाद पटना लौटे मुख्यमंत्री ने कहा कि कोसी बराज से नीचे लगभग 25 किमी की लम्बाई में नदी पूर्वी बांध से सटकर बह रही है। यह खतरनाक संकेत है। पूर्वी बांध पर कोई खतरा उत्पन्न हो, इससे पहले राज्य सरकार उपाय कर लेना चाहती है। नदी की धारा को मूल स्थान पर लाने के लिए पायलट चैनल जरूरी है। इससे पूर्वी तटबंध पर दबाव कम हो जाएगा और नेपाल से आने वाले अनियंत्रित बहाव को भी कम किया जा सकेगा। काम नेपाल क्षेत्र में होना है और वहां की सरकार ने इसका विरोध कर दिया है। ऐसे में केन्द्र को जल्द पहल करनी होगी। तटबंध के बचाव के लिए जो करना है, राज्य सरकार करेगी, लेकिन पायलट चैनल का मामला केन्द्र को ही सलटाना है। मुख्यमंत्री ने जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ हवाई सर्वेक्षण के बाद बाढ़ सुरक्षात्मक तैयारी की स्थल पर ही समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नेपाल के मीडिया ने गलतफहमी पैदा की है। पहले जब धारा मूल स्थान पर थी, तब नेपाल को कहां कष्ट था। हम आज भी वही स्थिति बनाना चाहते हैं। उनकी आशंका बेबुनियाद है। पहले नदी पश्चिम दिशा में बहती थी, अब उल्टी हो गई है। नदी का ज्यादा हिस्सा नेपाल में है, लेकिन खतरा बिहार के लोगों के समक्ष है। दो दिन पूर्व केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद को स्थिति से अवगत करा दिया है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने भी नेपाल के प्रधानमंत्री से बात की है। हम इंतजार कर रहे हैं कि अपने प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री विदेश यात्रा से लौटकर आएं और अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें।-हिन्दुस्तान
प्रस्तुतकर्ता
अरविन्द श्रीवास्तव