पटना।। नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण बिहार की गंडक और राज्य का शोक कही जाने वाली कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने चार जिलों में अलर्ट घोषित कर दिया है।
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, कोसी और गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष (फ्लड कंट्रोल रूम) में प्रतिनियुक्त इंजिनियर ईश्वर सहाय ने बताया कि सुबह छह बजे गंडक नदी पर बने बाल्मीकी बराज से 1,39,400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, वहीं दोपहर 12 बजे यह बढ़कर 1,55,600 क्यूसेक हो गया। इसी तरह कोसी नदी के वीरपुर बराज से कोसी नदी में सुबह छह बजे 1,09,720 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। उन्होंने बताया कि बराज से ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण इन दोनों नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है। इधर, नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण लोग बाढ़ की आशंका से डरे हुए हैं और वहीं तटबंधों में कटाव भी तेजी से हो रहा है। एक अधिकारी की मानें तो चंपारण तटबंध के करीब 78 मीटर पर ठेकहा गांव में कटाव काफी तेजी से हो रहा है। इस बीच सरकार ने कटाव होने वाले स्थानों पर मरम्मत कार्य होने का दावा किया है। इधर, सरकार ने बाढ़ की आशंका को लेकर चार जिलों सुपौल, सहरसा, मधेपुरा और खगड़िया में अलर्ट घोषित कर दिया है। डिज़ास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के विशेष सचिव सुनील कुमार ने बताया कि इन जिलों के 11 प्रखंडों को चिह्नित कर संबंधित जिलाधिकारियों को राहत सामाग्रियों सहित अन्य आवश्यक सामाग्रियों का भंडारण कर लेने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के दल को भी इन जिलों में तैनात करने के लिए कहा गया है। - नवभारत टाइम्स
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, कोसी और गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष (फ्लड कंट्रोल रूम) में प्रतिनियुक्त इंजिनियर ईश्वर सहाय ने बताया कि सुबह छह बजे गंडक नदी पर बने बाल्मीकी बराज से 1,39,400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, वहीं दोपहर 12 बजे यह बढ़कर 1,55,600 क्यूसेक हो गया। इसी तरह कोसी नदी के वीरपुर बराज से कोसी नदी में सुबह छह बजे 1,09,720 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। उन्होंने बताया कि बराज से ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण इन दोनों नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है। इधर, नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण लोग बाढ़ की आशंका से डरे हुए हैं और वहीं तटबंधों में कटाव भी तेजी से हो रहा है। एक अधिकारी की मानें तो चंपारण तटबंध के करीब 78 मीटर पर ठेकहा गांव में कटाव काफी तेजी से हो रहा है। इस बीच सरकार ने कटाव होने वाले स्थानों पर मरम्मत कार्य होने का दावा किया है। इधर, सरकार ने बाढ़ की आशंका को लेकर चार जिलों सुपौल, सहरसा, मधेपुरा और खगड़िया में अलर्ट घोषित कर दिया है। डिज़ास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के विशेष सचिव सुनील कुमार ने बताया कि इन जिलों के 11 प्रखंडों को चिह्नित कर संबंधित जिलाधिकारियों को राहत सामाग्रियों सहित अन्य आवश्यक सामाग्रियों का भंडारण कर लेने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के दल को भी इन जिलों में तैनात करने के लिए कहा गया है। - नवभारत टाइम्स