पूर्णिया. सहरसा रेंज के वर्तमान DIG व तत्कालीन पूर्णिया SP सुंधाशु कुमार के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलेगा। उनके साथ पूर्णिया में उस समय के तत्कालीन चार दारोगा के खिलाफ भी अदालत ने मुकदमा चलने की अनुमति दे दी है। इन सभी पर एक व्यक्ति की हत्या कर उसके शव को गायब कर देने का आरोप है। अदालत ने इस मामले में दाखिल अभियोग पत्र वाद संज्ञान में लिया है। पूर्णिया के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी दयालाल प्रसाद ने अभियोग पत्र वाद संख्या 1807/2005 में प्रथम दृष्टया घटना को सही माना है। साथ ही पूर्णिया के तत्कालीन एसपी सुधांशु कुमार, उसी समय टाइगर मोबाइल के प्रभारी सिन्धु शेखर, सहायक खजांची थानाअध्यक्ष गौतम कुमार, के. हाट थाना अध्यक्ष ज्योति प्रकाश एवं सदर के तत्कालीन एसएचओ राम सिंह के खिलाफ धारा 302, 201 एवं 120 बी के तहत संज्ञान लिया है। अदालत ने इन सभी आरोपियों को 18 मई को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
क्या है मामला?
सहायक खजांची थाना क्षेत्र के वर्द्धमान हाता निवासी रामविलास सिंह ने अदालत में मामला दर्ज कराया था कि वर्ष 2005 के 23 अगस्त को रात 12 बजे सादे लिबास में सभी आरोपी पुलिस पदाधिकारी उनके घर घुस आए। उनकी बड़ी बेटी संजू देवी और दामाद हरेन्द्र कुमार मेहता को पकड़कर वे अपने साथ ले गए। दूसरे कमरे में सो रही उसकी छोटी बेटी गुडि़या को भी पुलिस वाले ले गए। सबको सदर थाने में जाकर बंद कर दिया। वहां से फिर गुडि़या को दूसरे वाहन पर सवार कर एनएच 31 की ओर ले जाया गया। 25 अगस्त को अभियोगी की बड़ी पुत्री संजू देवी और उसके पति को सादे कागज पर हस्ताक्षर कराकर सहायक खजांची थाना अध्यक्ष ने छोड़ दिया। लेकिन 23 अगस्त से ही गुडि़या का कोई पता नहीं चल पाया। उसकी खोज की जाती रही लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका। रामविलास सिंह ने इस बात की आंशका जतायी कि गुडि़या की हत्या कर उसके शव को साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से छिपा दिया गया। इसी मामले को लेकर अदालत ने DIG समेत सभी को उपस्थित होने का निर्देश दिया है। - दैनिक भास्कर