सहरसा प्रमण्डलीय मुख्यालय में वर्ष 2002 से प्रत्येक वर्ष मनाये जाने वाला ‘कोसी महोत्सव’ कोसी अंचल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तथा उसकी विशिष्ठता से सामान्य जन को परिचित कराने में सक्षम है। इस वर्ष 20-21 फरवरी को यह अयोजन समारोह मनाया गया। इस अवसर पर प्रकाशित स्मारिका ‘कोसी दर्पण’ में ‘ कोसी जगत में खेल का इतिहास’ - धर्मेन्द्र कुमार सिंह नयन, ‘कोसी के पर्यटन मानचित्र पर अवस्थित दर्शनीय स्थल’ (संकलित) समृद्ध अतीत का वाहक सु-पाओल यानी सुपौल’ - अरविन्द ठाकुर, ‘इतिहास के आईने में मधेपुरा’- हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’ ‘कोसी में महात्मा बुद्ध का भ्रमण मार्ग’- मुक्तेश्वर मुकेश, ‘आधुनिक युग में सांस्कृतिक एवं साहित्यिक दायित्व’- डा. रेणु सिंह, ‘अमर रचनाकार राजकमल चैधरी’- रणविजय झा, ‘रेणु के कथा साहित्य में ग्रामीण लोक संस्कृति’- मोहन प्रसाद, ‘लोक देवः बाबा बिसु’- अंजनी कुमार शर्मा, ‘कोसी अंचल में मत्स्य-उद्योग की संभावना’- डां विनय कुमार चैधरी, ‘साहित्य में मधेपुरा का योगदान’- डा. अरविन्द श्रीवास्तव आदि आलेखों के साथ सुभाष चन्द्र झा की गज़ल के साथ अन्यान्य आलेख एवं कविताएँ हैं। कोसी क्षेत्र की समग्र तस्वीर प्रस्तुत करने में यह स्मारिका सक्षम है।
‘कोसी दपर्ण’
प्रधान संपादकः देवराज देव, भा.प्र.से.
जिला पदाधिकारी, सहरसा.
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