कोसी क्षेत्र के सुपौल, मधेपुरा, पुर्णिया, अररिया और किशनगंज में जम कर ओलाबारी हुई, गरज के साथ बारिश हुई। कहीं-कहीं तो सौ ग्राम से एक किलो तक के ओले गिरे, सम्पूर्ण कोसी अंचल में खड़ी फसलों की अपूरनीय क्षति हुई गेहू, मकई व केला की फसलों को काफी नुकसान हुआ। ओला गिरने से आम के मंजर को भी व्यापक क्षति पहुंची है। पूर्णिया एवं किशनगंज में इतने ओले गिरे कि सम्पूर्ण सड़क ओलों से पट गयी और कुछ समय के लिए यातायात भी बाधित हुआ, ठंढ़ फिर से लौट आयी-ठिठुरन बढ़ गयी है। राजेन्द्र कृषि विश्वविधालय पूसा के मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मौसम की यह स्थिति दो दिन और रह सकती है।
यातनाएं झेलनेवाला
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रात
पिरहाना मछलियों-सी कुतरती रही तुम्हारी यादें
और दिन भर बदनाम कुर्सियों को सुनाता रहा मैं मुक्ति-गीत
एक गिटार ने मुझे जीने का गुर सिखाया
एक आत्मा जो...