पूर्व सांसद कांग्रेस नेत्री लवली आनंद ने नीतीश सरकार को मिले जनादेश को अफसरों की करामात करार देते हुए कहा कि आलमनगर विधानसभा से चुनाव में हुई उनकी हार मतदान में बरती गयी धांधली का नतीजा है। वे इस धांधली के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगी। श्रीमती आनंद ने कहा कि चुनाव पूर्व से ही आलमनगर में अधिकारियों का रवैया पक्षपातपूर्ण रहा। चुनाव के दौरान उन लोगों को हेलीकाप्टर उतारने के लिए चयनित सभा स्थलों की सूची दी गयी थी, लेकिन जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष का हेलीकाप्टर कई अचयनित स्थलों पर उतरने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
श्रीमती आनंद शनिवार को गंगजला स्थित अपने आवास पर संवाददाता को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि 70 आलमनगर विस क्षेत्र में किसी भी उम्मीदवार या उसके चुनाव अभिकत्र्ता को चुनाव पूर्व इवीएम का सीयू (कंट्रोल यूनिट) और बीयू (बैलेट यूनिट) नंबर उपलब्ध नहीं कराया गया, जबकि नियमत: निर्वाची पदाधिकारी पर्यवेक्षक की उपस्थिति में सिलींग के बाद बूथों पर भेजे जाने वाले सीयू और बीयू नंबर की सूची उपलब्ध कराना चाहिए। इसके अलावा मतदान बार पोलिंग एजेंटों के मांग के बाद भी पीठासीन पदाधिकारियों द्वारा फार्म सी नहीं दिया गया और एजेन्ट द्वारा जोर देने पर सादा कागज पर मतदान का डिटेल्स लिखकर दिया जाना भी चुनाव में हुए धांधली को दर्शाता है। इतना ही नहीं स्ट्रांग रूम के दरवाजे पर प्रत्याशियों द्वारा हस्ताक्षरित कागज का फटा रहना, इवीएम के सील का टूटा होना व इवीएम पर पीठासीन व एजेन्टों के अलग-अलग हस्ताक्षर यह जताता है कि यह जनादेश अफसरों की करामात है। उन्होंने कहा कि आलमनगर में उनकी जीत सुनिश्चित थी लेकिन जिस प्रत्याशी ने आज तक के चुनाव में 42 हजार वोट नहीं लाया था, उसे 42 हजार मतों से विजयी बना दिया गया। वे इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगी। इस मौके पर पूर्व मुखिया बीरेन्द्र सिंह, सहरसा से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे नीरज गुप्ता मौजूद थे। जागरण प्रतिनिधि, सहरसा.