बी.एन. मंडल विश्वविधालय, मधेपुरा के कुलपति डा. आर.पी. श्रीवास्तव द्वारा विश्वविधालय परिसर में कालजयी रचनाकार एवं कथा शिल्पी फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ पर दो दिवसीय ( 26 व 27 नवम्बर ) राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित किये जाने के बावत कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन, मधेपुरा के अध्यक्ष हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’ एवं सम्मेलन के सचिव डा. भूपेन्द्र नारायण यादव ‘मधेपुरी’ सहित साहित्यकार डा. विनय कुमार चैधरी, डा. सिद्धेश्वर काश्यप, डा. श्यामल किशोर यादव, डा. शान्ति यादव, डा. आलोक कुमार, दशरथ प्रसाद सिंह, गिरिधर चांद, उल्लास मुखर्जी, राजू भैया, सियाराम यादव ‘मयंक’, इंदुबाला सिन्हा आदि ने कुलपति डा. श्रीवास्तव के प्रति आभार व्यक्त किया एवं शुभकामनाएं दी।
सम्मेलन के सचिव डा. मधेपुरी ने कुलपति महोदय से विनम्रतापूर्वक अनुरोध किया कि रेणु जी जैसे कालजयी रचनाकार के नाम को फारबिसगंज काॅलेज के साथ जोड़ कर ऐसे अवसर पर सम्मानित किया जाना सर्वथा उचित होगा। डा. मधेपुरी ने विश्वविधालय सिंडिकेट के पूर्व निर्णय का खुलासा करते हुए कहा कि 4 मई 1999 के सिंडिकेट की बैठक में तत्कालीन कुलपति डा. जयकृष्ण प्रसाद यादव की अध्यक्षता में स्थानीय कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सचिव डा. मधेपुरी द्वारा नामाकरण के बावत सम्मेलन में पारित प्रस्ताव को तत्कालीन अभिषद सदस्य डा. आर.एन. मंडल से निवेदन कर अभिषद के समक्ष उपस्थापित किया गया था। विचारोपरान्त सर्वसम्मत निर्णय लेते हुए सिंडिकेट ने फारबिसगंज काॅलेज का नाम ‘फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ फारविसगंज कालेज’ रखने का निर्णय लिया था। ऐसे सर्वसम्मत निर्णय के कार्यान्वयन का इससे बेहतर अवसर और क्या हो सकता है ?