gratis homepage uhr website clocks
कोसी प्रमंडल (बिहार) से प्रकाशित इस प्रथम दैनिक ई. अखबार में आपका स्वागत है,भारत एवं विश्व भर में फैले यहाँ के तमाम लोगों के लिए यहाँ की सूचना का एक सशक्त माध्यम हम बनें, यही प्रयास है हमारा, आपका सहयोग आपेक्षित है... - सम्पादक

Scrolling Text

Your pictures and fotos in a slideshow on MySpace, eBay, Facebook or your website!view all pictures of this slideshow

Related Posts with Thumbnails

शुक्रवार

दानापुर-सहरसा इन्टरसीटी एक्सप्रेस उर्फ किसकी बची है खैरियत.....

सप्ताह भर राजधानी पटना में बिता कर, हाड. कँपाती ठंढ के बीच सुबह साढे. पाँच बजे घर से, ट्रेन में बेहतर सीट के लिए दानापुर पहुँच गया, जगह आराम से मिली क्योंकि मिथिला और कोसी क्षेत्र को राजधानी से जोड़ने वाली इन्टरसीटी एक्सप्रेस सुबह 6.40 में दानापुर से प्रस्थान कर गयी। सुबह 7.20 में पटना से, पटना में इस ट्रेन पर सुनामी-सी कहर टूट पड़ी, इंच भर टसकने के लिए बगल वाले से मिन्नतें... खैर ट्रेन खुलती है बाढ. स्टेशन में कुछ राहत के बाद रूकते-रूकते ऐतिहासिक राजेन्द्र पुल, उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाला बिहार में एकमात्र रेल पुल को पार कर बरौनी जं. पहुँचना वहां पूरे घंटे भर इस इन्टरसीटी का दो खण्ड मसलन् एक पार्ट का दरभंगा और दूसरे का सहरसा की ओर.... बरौनी से आगे बढते ही मिट्टी पलीद होना प्रारम्भ- सभी कुछ भगवान भरोसे, दो चार घांटे में खगडि़या पहुंची। जहां घंटों से खड़ी भीड. इस ट्रेन का इंतजार कर रही थी, हो..हो...हो करती हुई ....
मानसी जं. के बाद धमहारा घाट नामक विश्वविख्यात, अपने पेड़ा एवं घटों ट्रेन रोकने की वजह से चर्चा मे रहे इस स्थल से रूबरू होना पड़ता है। कई बार ‘वैकम’ के बाद इन्टरसीटी खुलती है एक बड़े एहसान के साथ, आगे बढ़ते हुए करीब संध्या 5.30 बजे, पूरे ग्यारह धंटे में 228 किलो मीटर का सफर तय कर विजय मुद्रा में सहरसा स्टेशन पहुँचती है....। सहरसा आवास आकर पता चलता है कि कल 11 बजे रात में  जो बिजली गयी, अब तक नहीं आयी है....!
मित्रों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि पूरे कोसी प्रमण्डल यथा मधेपुरा, सहरसा और सुपौल को राजधानी पटना से जोड़ने वाली मात्र दो ही ट्रेन है, एक सुबह 5.15 में कोसी एक्सप्रेस तथा दूसरा यही सहरसा-दानापुर इन्टरसीटी जो रविवार छोड. शेष दिनो 12.50 दिन में खुलती है। लगभग  पचास लाख आबादी के लिए व्यवस्थापकीय निकम्मेपन का तोहफा....नक्कारखाने में कोसी क्षेत्र की, बाढ. सदृश्य कई समस्याओं को झेलती बेवस जनता की आवाज..., नक्कारखाने का मुखिया राजधानियों में बैठकर बासुरी बजा रहा है...सुनहरे स्वप्न दिखा रहा है...।

-अरविन्द श्रीवास्तव