थर्ड आई वर्ल्ड न्यूज़ से साभार | ||
१९ फरवरी 2010 | ||
एक बेहतरीन खलनायक का असमय दुखद अंत हो गया। जी हां बात कर रहे हैं जाने मान चरित्र अभिनेता निर्मल पांडे की। यह उनके अभिनय का कमाल है कि लोग उन्हें गरियाते रहते थे। किसी भी चरित्र को निर्मल उसमें जान फूंक देते थे। यही कारण था कि वे पर्दे पर जिस चरिकत्र को जीवंत रूप देते थे दर्शक उनके अभिनय को जमकर प्रशंसा करते थे। किसी खलनायक की अभिनय को दर्शक देखकर उसे जितना गरियाते हैं, उस अभिनेता की उतनी सफलता मानी जाती है। 48 वर्षीय निर्मल पांडे का निधन दिल का दौरा पड़ने से हो गया। निधन उनका उस समय रास्ते में हुआ जब लोग उन्हें अंधेरी स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराने ले जा रहे थे। निर्मल ने अनेक फिल्मों में जीवंत अभिनय करके एक सफल अभिनेता की छवि बनायी। गॉडमदर, ट्रेन टू पाकिस्तान, इस रात की सुबह नहीं, दायरा, और बैंडिट क्वीन में गजब की अभिनय की थी। निर्मल ने अभिनय की कला देश की सबसे प्रतिष्ठित संस्था दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य अकादमी से सीखी थी। अपने अभिनय से उन्होंने देश विदेश में भी खूब नाम कमाया। दायरा फिल्म के लिए उन्हें फ्रांस में फिल्म महोत्सव में पुरस्कृत किया गया। 1994 में शेखर कपूर की फिल्म बैंडिट क्वीन में विक्रम मल्लाह की भूमिका करके खूब वाहवाही लूटी। वर्ष 1996 में दायरा फिल्म में एक हिजडे की भूमिका आज भी लोगों की जेहन में है। |
यातनाएं झेलनेवाला
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रात
पिरहाना मछलियों-सी कुतरती रही तुम्हारी यादें
और दिन भर बदनाम कुर्सियों को सुनाता रहा मैं मुक्ति-गीत
एक गिटार ने मुझे जीने का गुर सिखाया
एक आत्मा जो...