विधि विशेषज्ञ, साहित्यकार एवं समाजिक सरोकार में गहरी अभिरूचि रखने वाले तथा हिन्दी को न्यायालय में प्रतिष्ठापित करने वाले पूर्व लोक अभियोजक व वरीय अधिवक्ता शिवनेश्वरी प्रसाद के निधन से मर्माहत साहित्यकारों एवं अधिवक्ताओं ने कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अम्बिका सभागार में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। जिसकी अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’ ने कहा कि उनका ‘सोवियत रूस में 14 दिन’ यात्रा विषयक उल्लेखनीय ग्रंथ है तथा ‘समाजिक न्याय के द्वंद’ उनके स्वतंत्र चिंतन का प्रमाणिक दस्तावेज, श्री शलभ ने उन्हें अपना मित्र, दार्शनिक व मार्गदर्शक कहा।
सम्मेलन के सचिव भूपेन्द्र नारायण यादव ‘मधेपुरी’ ने कहा कि वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी तथा दया, करुणा व ममता की मूरत थे। डा. मधेपुरी ने उन्हें साहित्य समर्पित साधक बताते हुए कहा कि न्यायालयों में हिन्दी को प्रतिष्ठापित करने वाले उस महानायक के सतत प्रयासों को मधेपुरा सदा याद करेगा।
इस अवसर पर पूर्व सांसद एवं मंडल विश्वविधालय के संस्थापक कुलपति डा. रमेन्द्र कुमार यादव ‘रवि’ ने उनके जीवन वृत की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि ‘सदा हँसने वाले दादा श्री शिवनेश्वरी प्रसाद वर्षों में नहीं बल्कि हमेशा अपने कर्मों में जीते रहेंगे। इस अवसर पर पूर्व प्रतिकुलपति डा. के. के. मंडल, कुलानुशासक डा. एच. के. मंडल, प्राचार्या शांति यादव, प्राचार्य प्रो. सच्चिदानंद, प्रो. श्यामल किशोर यादव, डा. आर. क.े पी. रमण एवं डा. रामचन्द्र प्रसाद यादव आदि ने विस्तार से शोकोदगार व्यक्त किये।
श्रद्धांजलि सभा में बुद्धिजीवियों एवं छात्रों की काफी उपस्थिति रही अधिवक्ता जवाहर झा, दिलीप झा, इंदूवाला सिन्हा, दशरथ सिंह, डा. विनय चैधरी, डा. रामेश्वर प्रसाद, डा. सुरेश भूषण, उल्लास मुखर्जी, सिद्धेश्वर काश्यप, इप्टा सचिव सुभाष चन्द्र एवं तुलसी पब्लिक स्कूल के निदेशक श्यामल कुमार प्रमुख थे। कार्यक्रम का संचालन डा. मधेपुरी एवं धन्यवाद डा. आलोक कुमार ने किया।
सम्मेलन के सचिव भूपेन्द्र नारायण यादव ‘मधेपुरी’ ने कहा कि वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी तथा दया, करुणा व ममता की मूरत थे। डा. मधेपुरी ने उन्हें साहित्य समर्पित साधक बताते हुए कहा कि न्यायालयों में हिन्दी को प्रतिष्ठापित करने वाले उस महानायक के सतत प्रयासों को मधेपुरा सदा याद करेगा।
इस अवसर पर पूर्व सांसद एवं मंडल विश्वविधालय के संस्थापक कुलपति डा. रमेन्द्र कुमार यादव ‘रवि’ ने उनके जीवन वृत की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि ‘सदा हँसने वाले दादा श्री शिवनेश्वरी प्रसाद वर्षों में नहीं बल्कि हमेशा अपने कर्मों में जीते रहेंगे। इस अवसर पर पूर्व प्रतिकुलपति डा. के. के. मंडल, कुलानुशासक डा. एच. के. मंडल, प्राचार्या शांति यादव, प्राचार्य प्रो. सच्चिदानंद, प्रो. श्यामल किशोर यादव, डा. आर. क.े पी. रमण एवं डा. रामचन्द्र प्रसाद यादव आदि ने विस्तार से शोकोदगार व्यक्त किये।
श्रद्धांजलि सभा में बुद्धिजीवियों एवं छात्रों की काफी उपस्थिति रही अधिवक्ता जवाहर झा, दिलीप झा, इंदूवाला सिन्हा, दशरथ सिंह, डा. विनय चैधरी, डा. रामेश्वर प्रसाद, डा. सुरेश भूषण, उल्लास मुखर्जी, सिद्धेश्वर काश्यप, इप्टा सचिव सुभाष चन्द्र एवं तुलसी पब्लिक स्कूल के निदेशक श्यामल कुमार प्रमुख थे। कार्यक्रम का संचालन डा. मधेपुरी एवं धन्यवाद डा. आलोक कुमार ने किया।