9 मई 2010 रविवार को बी.एन मंडल स्टेडियम में तीन दिवसीय रंगांरंग कार्यक्रम, कवि सम्मेलन, मुशायरा, वाद-विवाद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, परिचर्चा एवं विभिन्न खेलों के आयोजन के साथ पाँच किलोमीटर का विकास दौड.-जिसका नेतृत्व मधेपुरा के जिला पदाधिकारी डा. वीरेन्द्र प्रसाद यादव कर रहे थे। यह बी.एन. मंडल विश्वविधालय- भूपेन्द्र चौक, सुभाष चौक, कर्पूरी चौक से मुड.कर कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन होते हुए पंचमुखी चौक से आगे सरकारी विभागों के 25 आकषर्क स्टालों से सजे स्टेडियम में जाकर समाप्त हुआ।
उद्धाटन सत्र में बिहार सरकार के राजस्व मंत्री श्री नरेन्द्र ना. यादव एवं कृषि मंत्री रेणु कुमारी कुशवाहा सहित जिला पदाधिकरी डा. वीरेन्द्र प्र. यादव, आरक्षी अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा एवं अन्य गणमान्य लोगों द्वारा 30 दीप प्रज्ज्वलित कर मधेपुरा जिला का 30 वाँ स्थापना दिवस उद्धाटित किया गया।
इस अवसर पर मधेपुरा के आतीत को यादगार बनाये रखने के लिए स्मारिका ‘स्पंदन’ का विमोचन किया गया, जिसमें मधेपुरा के लिए कुर्बानियाँ देने वाले तथा समाज के लिए जीवन अर्पित करने वाले अपने पुरखों को कलमवद्ध करने का काम किया डा. भूपेन्द्र नारायण यादव ‘मधेपुरी’ जिन्होंने राष्ट्रीय उद्याम चरित्र वाले नायक बाबू रासविहारी मंडल सहित भुवनेश्वरी, कमलेश्वरी, विन्ध्येश्वरी, शिवनन्दन, भूपेन्द्र सहित उच्य न्यायालय में मधेपुरा को गौरवान्वित करने वाले न्यायमूर्ति आर.पी. मंडल, न्यायमूर्ति एस. सी मुखर्जी एवं न्यायमूर्ति के. के. मंडल को भी अपनी लेखनी में सवारने का काम किया है। वहीं केदार कानन ने शहीद चुलाहय, एवं बाजासाव व अन्य स्वतंत्रता सेनानी महताव लाल , यदुनाथ, पुलकित, बाबू जी लाल दास, कार्तिक प्र. सिंह सहित विभिन्न साहित्यकारों, इतिहासकारों को याद कर लिपिवद्ध किया है। स्मारिका ‘स्पंदन’ पठनीय एवं संग्रहणीय है।