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कोसी प्रमंडल (बिहार) से प्रकाशित इस प्रथम दैनिक ई. अखबार में आपका स्वागत है,भारत एवं विश्व भर में फैले यहाँ के तमाम लोगों के लिए यहाँ की सूचना का एक सशक्त माध्यम हम बनें, यही प्रयास है हमारा, आपका सहयोग आपेक्षित है... - सम्पादक

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सोमवार

डा. अमरेन्द्र के साहित्यिक अवदानों की महत्वपूर्ण दस्तावेज़



 अंगिका और हिन्दी साहित्य जगत के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर रहे हैं डा. अमरेन्द्र। इनके साहित्यिक कर्म और अवदान पर केन्द्रित शोध प्रबंध ‘डा. अमरेन्द्र साहित्य और समीक्षा’ में डा. अमरेन्द्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का समग्रता से मूल्यांकन किया गया है। ग्रंथ लेखिका डा. श्वेता रानी ने इस शोध प्रबंध में डा. अमरेन्द्र की साहित्यिक साधना के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डालते हुए ग्रंथ को दो खण्डों में  विभाजित किया है। प्रथम खण्ड में डा. अमरेन्द्र के हिन्दी साहित्य में अवदानों की चर्चा छः अध्यायों में तथा दूसरे खण्ड में अंगिका साहित्य संवर्द्धन में उनके योगदान का समग्र मूल्यांकन है। डा. अमरेन्द्र की चर्चित पुस्तकों में ‘जनतंत्र का विक्रमशिला’ एवं ‘काव्य और कसौटी’ के साथ-साथ बैखरी और आंगी सदृश्य पत्रिकाओं का संपादन भी शामिल है।
लेखिका- श्वेता रानी
प्रकाशक- समीक्षा प्रकाशन
जे. के. मार्केट, छोटी कल्याणी,
मुजफ्फरपुर-842001. मोबाइल- 09334279957 / 09905292801.

रविवार

प्रसिद्ध साहित्यकार राजकमल चौधरी की पत्नी शशिकांता का निधन



प्रसिद्ध साहित्यकार राजकमल चौधरी की  75 वर्षीय पत्नी शशिकांता चौधरी की मृत्यु दिल्ली स्थित अपने एक मात्र पुत्र के आवास पर 28 जनवरी की संध्या 6 बजे हुई। वे काफी समय से बीमार चल रही थीं। 1951 में प्रसिद्ध कथाकार राजकमल चौधरी से उनका विवाह हुआ था। शशिकांता अपने पति के लेखन कार्यों में हमेशा सहयोग करती रही थी। राजकमल चौधरी भी अपनी कथाओं में शशिकांता के सहयोग की चर्चा कर चुके हैं। ‘एक चंपा कली एक विषधर’ की महिला पात्र ‘बेला’ संभवतः शशिकांत ही थी। विवाह के मात्र 15 वर्षों वाद ही राजकमल चौधरी का निधन हो गया था। स्मरण रहे कि प्रसिद्ध कथाकार राजकमल चौधरी कोसी क्षेत्र  - सहरसा ( महिषी ) के रहने वाले थे। 

शनिवार

प्रभात खबर, भागलपुर से जुड़े...

दैनिक जागरण, सिलीगुड़ी से इस्‍तीफा देने वाले विज्ञापन मैनेजर एनपी सिंह ने अपनी नई पारी शुरू कर दी है. उन्‍होंने विज्ञापन मैनेजर के पोस्‍ट पर प्रभात खबर, भागलपुर ज्‍वाइन कर लिया है. मूल रूप से भागलपुर के रहने वाले एनपी सिंह 2001 में अपने करियर की शुरुआत दैनिक जागरण के साथ की थी. इसके बाद से वे लगातार दैनिक जागरण के साथ उसके कई यूनिटों में काम किया. कुछ समय पूर्व उनका तबादला सिलीगुड़ी किया गया था.
 दैनिक जागरण, सिलीगुड़ी के जनरल डेस्‍क से इस्‍तीफा देने वाले विक्रांत घोष भी प्रभात खबर, भागलपुर से जुड़ गए हैं. उन्‍हें सब एडिटर बनाया गया है. अविक्रांत भागलपुर के ही रहने वाले हैं. इन्‍होंने अपने करियर की शुरुआत हिन्‍दुस्‍तान, भागलपुर के साथ शुरू की थी. इसके बाद दैनिक जागरण के साथ जुड़ गए थे.
एक अन्य खबर है कि - दो पत्रकारों के इस संस्थान से जुड़ने की खबर मिली है. निश्चल दीक्षित और यशवर्द्धन शुक्ला. निश्चल अभी तक संडे नई दुनिया के साथ काम कर रहे थे. वहीं यशवर्द्धन यूएनआई टीवी दिल्ली के साथ जुड़े हुये थे.

शुक्रवार

बोलेरो से टकराई राजधानी, एक की मौत


कटिहार। बिहार के कटिहार-बरौनी रेलखंड पर एक मानव रहित क्रासिंग के पास राजधानी एक्सप्रेस की एक बोलेरो गाड़ी से हुई टक्कर में बोलेरो के परखच्चे उड़ गये, जिससे बोलेरो चालक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। कटिहार रेल थाना के निरीक्षक संजय प्रसाद ने बताया कि कुरसेला और कटरिया रेलवे स्टेशनों के बीच मानव रहित फाटक से एक बोलेरो गुजर रही थी कि तभी दिल्ली से गुवहाटी जा रही राजधानी एक्सप्रेस ने टक्कर मार दी। दुर्घटना में बोलेरो के चालक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद राजधानी एक्सप्रेस करीब 45 मिनट तक यहां खड़ी रही। बाद में इसे गंतव्य के लिए रवाना किया गया। प्रसाद के मुताबिक पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।-अमर उजाला

सोमवार

वीएन मंडल विश्ववि. के कुलपति का विदाई समारोह 24 को


मधेपुरा, भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा.अरुण कुमार के कक्ष में उनकी अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों एवं स्नातकोत्तर विभाग के अध्यक्षों की बैठक आयोजित की गई। जिसमें 24 जनवरी को कुलपति प्रो.आरपी श्रीवास्तव के सम्मान में विदाई समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया गया। अपना कार्यकाल पूरा करने वाले विवि के वह 17 वें कुलपति हैं। प्रतिकुलपति ने कहा कि कुलपति आरपी श्रीवास्तव ने शानदार ढंग से अपना कार्यकाल पूरा किए हैं । विदाई समारोह को सफल बनाने हेतु विश्वविद्यालय पदाधिकारियों एवं विभागाध्यक्षों ने अपना विचार व्यक्त किया। बैठक में समारोह को व्यक्तिगत सहयोग से यादगार समारोह बनाने का सर्वसम्मत फैसला लिया गया। बैठक को सफल बनाने हेतु विभागाध्यक्ष डा.शिवबालक प्रसाद के संयोजकत्व में एक स्वागत समिति बनाई गयी। 

शनिवार

नहीं रहे ‘क्षणदा’ के प्रधान संपादक व कवि तारानन्दन तरुण


पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे तरुण जी ने अन्तिम विदा ले ली               (जन्म- 17 जनवरी 1935. निधन 22 जन.2011)। तारानन्दन तरुण विगत पचास वर्षों से साहित्य साधना में रत रहे। त्रिवेणीगंज जैसे ग्रामीण क्षेत्र में रह कर उन्होंने अनेक कठिनाइयों से जूझते हुए साहित्य सेवा की। उनके प्रकाशित पुस्तकों में - पत्र पुष्प, मुकुल, चाँद और अवनी, रेत के हासिए पर, आदि चर्चित हैं। उनके समग्र साहित्यिक अवदान, व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर डा. दीनानाथ शरण द्वारा संपादित ‘साहित्य के मौन साधक भारती भूषण तारानन्दन तरुण’ उल्लेखनीय ग्रंथ है। 
       तरुण जी ने दीर्धकाल तक कोसी क्षेत्र से प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका ‘क्षणदा’ का संपादन करते रहे। इनके निधन पर कौशिकी क्षेत्र साहित्य सम्मेलन, मधेपुरा के अध्यक्ष हरिशंकर श्रीवास्तव ‘शलभ’, सचिव डा. भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, पूर्व सांसद डा. रमेन्द्र कुमार यादव ‘रवि’ डा. विनय कुमार चैधरी, दशरथ सिंह, डा. शांति यादव आदि साहित्यकार-रचनाकारों नें शोक व्यक्त किया।  

गुरुवार

कविताओं में दिखे थे MLA के हत्यारे के इरादे! संदर्भ: रूपम पाठक की गजल

 पूर्णिया. भाजपा से सदर विधायक राजकिशोर केशरी की हत्या करने वाली रूपम पाठक कवियत्री भी हैं। रूपम पटना विश्विद्यालय से "ग़ज़ल" विषय पर पीएचडी भी कर रही हैं। रूपम ने कई मौकों पर आयोज़नों में कविता पाठ किया है। कई आयोज़नों का संचालन भी रूपम ने किया है। रूपम कवितायेँ भी लिखती हैं। पिछले दिनों एक साहित्यिक पत्रिका में रूपम की दो कवितायेँ भी छपी थीं। एक का शीर्षक था "जब तेरा साथ नहीं"। इस कविता की कुछ पंक्तियां इस तरह हैं,
"तेज बारिश में भींगा बदन है मेरा, ताप सूरज का मिलता नहीं, क्या करें ? जब लगी चोट गहरी तो दिल ने कहा वो प्यार का फूल खिलता नहीं क्या करें ? बंद दरवाजे सारे खुले मन के अबरंग फागुन का घुलता नहीं क्या करें?...."

बुधवार

तेंदूआ खोजने पहुंची टीम


सहरसा : तेंदूआ खोजने के लिये वन विभाग की टीम सोमवार को सहरसा पहुंची। जिला वन पदाधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि स्थानीय स्तर पर गठित टीम द्वारा पूर्व से ही अभियान चलाया जा रहा था। जबकि बाहर से आयी खोजी दस्ता द्वारा भी अभियान शुरु कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मुंगेर से बेहोश करने वाला बंदुक मंगाया गया है। तेंदूआ को देखते ही बेहोश कर दिया जाएगा। बाद में पिंजरा वाली गाड़ी में बिठाकर ले जाया जाएगा जबकि उसका उपचार भी किया जाएगा। हालांकि तेंदूआ के भय से इलाके के ग्रामीण अब भी भयभीत हैं। स्मरण रहे कि पिछ्ले दिनों सहरसा के नौहट्टा मे तेंदूआ ने हमला कर कुछ को घायल कर दिया था, उस तेंदूआ  को ग्रामिणों ने मार डाला था। लोगों का कहना है कि तेंदूआ  जोडा था जिसका एक साथी इसी इलाके में है।

शुक्रवार

महान आंचलिक उपन्यासकार फणीश्वर नाथ रेणु की पत्नी का निधन

अररिया। हिन्दी साहित्य के महान आंचलिक उपन्यासकार फणीश्वर नाथ रेणु की पत्नी लतिका रेणु का हृदय गति रूकने से निधन हो गया। वह 76 वर्ष की थीं। बिहार के अररिया जिले के फारबिसगंज प्रखंड के औराई हिंगना गांव में लतिका ने अंतिम सांस ली। उल्लेखनीय है कि पूर्व में लतिका पटना में ही रहती थी परंतु दिसम्बर 2009 के बाद वह रेणु के गांव औराई हिंगना रहने चली आई थीं।

रेणु के परिजनों के मुताबिक वर्ष 1950 में जब ‘मैला आंचल’ के रचनाकार रेणु बीमार पड़े थे तब उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में भर्ती कराया गया था। तब लतिका पीएमसीएच में नर्स थी, और उसी दौरान दोनों करीब आए। इससे प्रभावित होकर रेणु ने लतिका से शादी करने का फैसला ले लिया था। और एक वर्ष के बाद दोनों परिणय सूत्र में बंध गए थे। गौरतलब है कि रेणु का निधन 11 अप्रैल 1977 को पटना में ईलाज के दौरान हो गई थी।

गुरुवार

'बेटी ने विधायक को मारा, मां हुई बेघर' संदर्भ : भाजपा विधायक राजकिशोर केशरी हत्याकांड


 

 
 
 
पूर्णिया। भाजपा विधायक राजकिशोर केशरी की हत्या के आरोप में जेल में बंद रूपम पाठक के घर पर पुलिस ने कब्ज़ा जमा रखा है. इस कारण रूपम की माँ कुमुद मिश्रा दूसरों के घर पर रहने को विवश है. कड़ाके की शीतलहरी में बेटी का घर रहते हुए दर-दर भटकने को मजबूर कुमुद मिश्रा ने आज अपने वकील दिनेश कुमार के माध्यम पूर्णिया व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी से गुहार लगायी है।

पटना उच्च न्यायालय के वकील दिनेश कुमार ने पूर्णिया पुलिस पर भेदभाव के साथ काम करते हुए यौन शोषण से संबंधित सुबूतों को मिटाने के प्रयास का आरोप लगाया है। पूर्णिया सीजीएम कोर्ट पहुंची कुमुद मिश्रा ने कहा कि चार दिनों से वह दूसरों के घरों में रहने को मजबूर है। क्योंकि बेटी का घर जहां वह रहती थी पुलिस के कब्जे में है। उन्होंने कहा कि रूपम की तबियत जेल में खराब है।

"किसके इशारे पर रूपम के स्कूल व घर पुलिस का कब्ज़ा"

रूपम की मां के वकील श्री दिनेश ने पूर्णिया पुलिस के कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आखिर किसके इशारे पर पुलिस रूपम के स्कूल एवं घर को अपने कब्जे में रखे हुए है। उन्होंने कहा कि जब मामला सीबीआई के जिम्मे जा चुका है तो पूर्णिया पुलिस किस सबूत को नष्ट करना अथवा पाना चाहती है। इधर पुलिस द्वारा स्कूल पर कब्जा जमाये रखने की कार्रवाई पर तरह-तरह के सवाल उठ रहे है। लोगों का मानना है कि पुलिस रूपम द्वारा दर्ज मुकदमें को कमजोर बनाने के लिए सबूत से छेड़छाड़ कर सकती है। वहीं अभी तक पत्रकार नवलेश से उसकी पत्नी से उसकी पत्नी को नहीं दिया गया है।

सुहासिनी ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्रभारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्या सुहासिनी अली ने रूपम पाठक मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में रूपम पाठक की मां और नवलेश पाठक की पत्नी से भेंट होने का जिक्र किया। उन्होंने अपने पत्र में रूपम पाठक को किसी अच्छे अस्पताल में इलाज कराने और रूपम की मां को अपनी बेटी से मिलने देने की गुजारिश की। सुहासिनी ने अपने पत्र में यह भी कहा कि रूपम से उनके वकील को भी मिलने नहीं दिया जा रहा है। इससे रूपम के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है। इसके अतिरिक्त विपिन राय की गिरफ्तारी, नवलेश पाठक रिहाई और सुशील कुमार मोदी को उनके पद से हटाने की मांग भी की है।

रूपम के समर्थन में विरोध जुलूस 

अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ‘एडवा’ ने रूपम पाठक को न्याय दिलाने और सुशील मोदी के विरोध में प्रतिवाद जुलूस निकाला। जुलूस गांधी मैदान के भगत सिंह चौक से डाक बंगला चौराहा तक निकली। डाक बंगला चौराहा पर जुलूस सभा में परिणित हो गयी। इस मौके पर एडवा की अध्यक्ष रामपरी ने कहा कि रूपम पाठक को उनके मौलिक अधिकारों से महरूम रखा जा रहा है। उनका इलाज सही ढंग से नहीं हो रहा है। इसके अतिरिक्त पत्रकार नवलेश पाठक को झूठे केस में फंसाया जा रहा है। और यह सब सुशील कुमार मोदी के इशारे पर हो रहा है। उन्होंने मांग किया कि इस मामले से सुशील मोदी की संलिप्तता की जांच भी सीबीआई से करायी जानी चाहिए। प्रतिवाद जुलूस में शामिल कार्यकर्ता विपिन राय की गिरफ्तारी और रूपम की सुरक्षा की भी मांग कर रहे थे। - दैनिक भास्कर